नई दिल्ली :पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट ने ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और उनके पहलवान पति सत्यव्रत कादियान के उन दावों को खारिज कर दिया है, जिसमें आरोपी निवर्तमान भारतीय कुश्ती महासंघ(डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह खिलाफ प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति लेने में उनकी मदद लेने की बात कही गई थी. फोगाट ने उन्हें कांग्रेस पार्टी की कठपुतली कहा. साक्षी मलिक ने अपने ट्विटर हैंडल से शनिवार को एक वीडियो पोस्ट की थी, इसमें ओलंपिक पदक विजेता और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने कहा था कि बबीता और एक अन्य भाजपा नेता तीरथ राणा ने जंतर-मंतर पर धरने के लिए पुलिस की अनुमति प्राप्त करने में उनकी मदद की थी. उन्होंने जोर देकर कहा था कि पहलवानों का विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं था.
कादियान ने वीडियो में कहा, 'मैं यह स्पष्ट कर दूं कि हमारा विरोध राजनीति से प्रेरित नहीं है. हम जनवरी में (जंतर-मंतर) आए थे और विरोध के लिए दो भाजपा नेताओं ने पुलिस से अनुमति मांगी थी. उन्होंने कहा, यह (विरोध) कांग्रेस समर्थित नहीं है. 90 प्रतिशत से अधिक लोग (कुश्ती बिरादरी में) जानते हैं कि पिछले 10-12 वर्षों से, यह (उत्पीड़न और धमकी) चल रहा है. कुछ लोग अपनी आवाज उठाना चाहते थे, लेकिन कुश्ती बिरादरी एकजुट नहीं थी.
वहीं अब रविवार को 33 वर्षीय बबीता ने ट्विटर पर पहलवान दंपति के दावों को खारिज कर दिया है. भाजपा नेता ने अपने बयान में कहा, मुझे बहुत दुख हुआ और हंसी भी आई जब मैं अपनी छोटी बहन और उसके पति का वीडियो देख रही थी, सबसे पहले मैं यह स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मेरी छोटी बहन, जो अनुमति पत्र दिखा रही थी, उस पर कहीं भी मेरे हस्ताक्षर या मेरा नाम नहीं था. सहमति का कोई सबूत नहीं है और मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है.