हैदराबाद:जिस उम्र में अमूमन लोग ठीक ढंग से उठ-बैठ नहीं पाते, उस उम्र में भगवानी देवी ने विदेश में भारत के तिरंगे का माना बढ़ाया है. भगवानी ने सीनियर सिटीजन कैटेगरी में 100 मीटर रेस का गोल्ड जीता तो वहीं शॉटपुट में ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है.
फिनलैंड के टेम्परे में वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 'स्प्रिंटर दादी' भगवानी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में यह कमाल कर दिखाया है. उन्होंने 24.74 सेकंड के टाइम के साथ गोल्ड मेडल अपनी झोली में डाला. साथ ही शॉटपुट यानी गोला फेंक में भी ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया है. तिरंगा वाली जर्सी में, जिस पर इंडिया लिखा है, वह मेडल दिखाते नजर आ रही हैं.
यह भी पढ़ें:निशानेबाजी विश्व कप: अर्जुन बबूता ने 10 मीटर एयर राइफल में स्वर्ण जीता
बता दें, भगवानी देवी की यह तस्वीर वायरल हो रही है और हर कोई उनकी हिम्मत की दाद दे रहा है. मिनिस्ट्री ऑफ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स ने ऑफिशल ट्विटर अकाउंट पर उनकी तस्वीर को पोस्ट करते हुए तारीफ की है. मिनिस्ट्री की ओर से लिखा गया, भारत की 94 साल की भगवानी देवी ने एक बार फिर बतला दिया है कि उम्र तो सिर्फ संख्या है. उन्होंने गोल्ड और और ब्रॉन्ज मेडल जीता. वाकई में साहसिक प्रदर्शन.
भगवानी देवी डागर मुख्य रूप से हरियाणा के खिड़का गांव से हैं. वह देशवात्र गौत्र से संंबंध रखती हैं. भगवानी की शादी मलिकपुर गांव में डागर परिवार में हुई थी. इनके पौते विकास डागर अंतर्राष्ट्रीय पैरा एथलीट हैं.