नई दिल्ली:भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कोच अली सिबाटियन नकवी ने एक मीडिया हाउस को दिए अपने इंटरव्यू में याद किए वो दिन जब मेजर ध्यानचंद के खेल और देश भक्ति का दीवाना हो उटा था पूरा जर्मनी.
इंटरव्यू के दौरान अली सिबाटियन नकवी ने कहा, "दादा ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता था, उन्होंने जर्मनी के खिलाफ कई गोल किए थे और भारत ने ये मैच 8-1 से जीता था. हिटलर ने दादा ध्यानचंद को सलाम किया और उन्हें जर्मनी की सेना में शामिल होने का प्रस्ताव दिया."
उन्होंने कहा, "ये पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान हुआ था और दादा कुछ देर शांत रहे, खचाखच भरा स्टेडियम शांत हो गया और डर था कि अगर ध्यानचंद ने प्रस्ताव ठुकरा दिया तो हो सकता कि तानाशाह उन्हें मार दें. दादा ने ये बात मुझे बताई थी उन्होंने हिटलर के सामने आंखे बंद करने के बावजूद सख्त आवाज में कहा था कि 'भारत बिकाऊ नहीं है'."
उन्होंने कहा, "हैरानी वाली बात ये थी कि पूरे स्टेडियम और हिटलर ने हाथ मिलाने के बजाए उन्हें सलाम किया और कहा, जर्मन राष्ट्र आपको आपके देश और राष्ट्रवाद के प्यार के लिए सलाम करता है. उनको जो हॉकी का जादूगर का तमगा मिला था वो भी हिटलर ने दिया था. ऐसे खिलाड़ी सदियों में एक होते हैं."