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अर्जुन अवॉर्ड पाकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं : आकाशदीप

भारतीय फॉरवर्ड आकाशदीप सिंह ने अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुने जाने पर खुशी जताते हुए कहा है कि मैं हॉकी इंडिया को उनके समर्थन और मेरे करियर में अभी तक किए मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं.

आकाशदीप
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Published : Aug 27, 2020, 4:31 PM IST

बेंगलुरू: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के फॉरवर्ड खिलाड़ी आकाशदीप सिंह को इस साल अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुना गया है. आकाशदीप ने कहा है कि वो इस पुरस्कार के लिए चुने जाने से काफी खुश और सम्मानित महसूस कर रहे हैं.

बीते चार साल में भारत ने जो अहम जीतें हासिल की हैं उनमें आकाशदीप टीम का अहम हिस्सा रहे हैं जिसमें ओलम्पिक क्वालीफायर, एशियाई खेल-2018 में कांस्य और एफआईएच पुरुष सीरीज फाइनल 2019 में जीत शामिल है.

आकाशदीप ने कहा, "मैं अर्जुन अवॉर्ड के लिए चुने जाने से काफी खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैं हॉकी इंडिया (एचआई) को उनके समर्थन और मेरे करियर में अभी तक किए मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं."

उन्होंने कहा, "एचआई, साई और खेल मंत्रालय ने खिलाड़ियों को सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं दी हैं जिससे हमें हर मैच में अच्छा करने में मदद मिली है. दिंसबर 2012 से अपने देश के लिए खेलते हुए मैं काफी भाग्यशाली महूसस कर रहा हूं."

फॉरवर्ड खिलाड़ी आकाशदीप सिंह

आकाशदीप से जब उनके सबसे शानदार पल के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "पिछला साल हमारे लिए काफी अहम था. एफआईएच पुरुष सीरीज जीतने वाली टीम का हिस्सा बनना शानदार था इसके बाद हमने एफआईएच ओलम्पिक क्वालीफायर्स में रूस को हराया था."

उन्होंने कहा, "जिस दिन हमने टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था उस दिन स्टेडियम में जो माहौला था, वो जबरदस्त था. हर खिलाड़ी इसी पल के लिए खेलता है और मैं उम्मीद करता हूं कि इस तरह के पल मेरे करियर में ज्यादा आएं."

अर्जुन अवॉर्ड

इससे पहले, भारतीय टीम के फॉरवर्ड खिलाड़ी ने कहा था कि कोविड-19 के कारण स्थगित हुए टोक्यो ओलंपिक ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम के लक्ष्य में बदलाव नहीं किया है और टीम का ध्यान अभी भी ओलंपिक में पदक जीतने पर है.

टोक्यो ओलंपिक को लेकर 25 साल के आकाशदीप कहा, "हमारे लिए लक्ष्य में किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. हमें जितना हो सुधार करना होगा और ओलंपिक में पदक जीतना होगा. लॉकडाउन में हमें एक-दूसरे को जानने का मौका मिला. हमने एक-दूसरे के साथ इतना लंबा समय कभी नहीं बिताया था, चाहे वो सीनियर हों या जूनियर, हम सभी ये कह रहे थे कि इस एक साल को गुजर जाने दीजिए हमें सिर्फ हमारे काम पर ध्यान देने की जरूरत है."

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