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बर्थडे स्पेशल: सरदार सिंह जब तक खेले मेजर ध्यानचंद की कमी महसूस नहीं होने दी!

मेजर ध्यानचंद और धनराज पिल्लै की विरासत को आगे ले जाने वाले हॉकी के हीरो सरदार सिंह उर्फ सरदारा सिंह को भला कौन भूल सकता है. सरदार सिंह का विश्व रैंकिंग में टीम को सबसे ऊपर पहुंचाने में अहम योगदान रहा. आज उनके जन्मदिन के मौके पर ईटीवी भारत उनकी जिंदगी के कुछ खास लम्हों को साझा कर रहा है.

sardar singh
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Published : Jul 15, 2020, 7:40 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा से ऐसे-ऐसे सूरमा पैदा हुए हैं, जिन्होंने देश ही नहीं पूरी दुनिया में अपने हुनर का सिक्का चलाया है. इसी में से एक हैं हॉकी के हीरो सरदार सिंह. इन्हें सरदारा सिंह के नाम से भी जाना जाता है.

मेजर ध्यानचंद की विरासत को आगे ले जाने वाले खिलाड़ियों में धनराज पिल्लै से लेकर सरदार सिंह जैसे नाम शामिल हैं, लेकिन भारतीय टीम के सबसे युवा कप्तान सरदार सिंह ने देश को हॉकी के सुनहरे भविष्य का सपना दिखाया था.

सरदार के परिवार का हिस्सा थी हॉकी

भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान सरदार सिंह का जन्म 15 जुलाई 1986 को हरियाणा के रानिया में हुआ था. हॉकी सरदार सिंह के परिवार का हमेशा से हिस्सा रही है. बड़े भाई दीदार सिंह भी भारत के लिए खेल चुके हैं. सरदार सिंह ने अपने बड़े भाई से ही हॉकी खेलना सीखा है.

सरदार सिंह

वो मानते हैं कि आज वो जो भी हैं अपने बड़े भाई के बदौलत हैं. उनके गांव में हॉकी का जबरदस्त क्रेज है. हर रोज करीब 150 युवा खिलाड़ी वहां खेलते हैं. हमारे गांव ने दो ओलंपियन दिए हैं.”

साल 2008 में उन्हें सुल्तान अजलान शाह हॉकी टूर्नामेंट के लिए भारतीय हॉकी टीम का कप्तान बनाय गया था. वो उस समय सिर्फ 22 साल के थे. सरदार सिंह साल 2008 में राष्ट्रीय टीम का कप्तान बनना अपने करियर का सबसे बेहतरीन टाइम मानते हैं. सरदार सिंह ओलंपिक में दो बार भारतीय टीम में रहे हैं.

सरदार सिंह के करियर की उपलब्धियां

सरदार सिंह ने भारत के लिए सीनियर टीम में एंट्री पाकिस्तान के खिलाफ 2006 में मारी थी. इसके बाद से वह टीम की मध्य पंक्ति में अहम खिलाड़ी बने हुए हैं. 32 वर्ष के इस खिलाड़ी ने देश के लिए 350 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 2008 से लेकर 2016 तक आठ साल तक राष्ट्रीय टीम की कप्तानी भी संभाली.

भारतीय टीम के साथ सरदार सिंह

सरदार सिंह ने देश के लिए 350 मैच खेले हैं. साल 2008 से 2016 तक भारतीय हॉकी टीम के कप्तान भी रहे हैं. पद्म श्री, राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड और अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित हो चुके हैं.

साल 2018 में लिया था सन्यास

साल 2018 में भारत के पूर्व हॉकी कप्तान सरदान सिंह ने इंटरनेशनल हॉकी को अलविदा कह दिया. लंबे समय तक भारतीय हॉकी टीम में मुख्य खिलाड़ी रहे सरदार सिंह पिछले काफी समय से लय में नहीं थे.

अपने रिटायरमेंट का एलान करते हुए सरदार सिंह ने कहा कि हां, मैंने संन्यास लेने का तय कर लिया है. अपने करियर में मैं लंबे समय तक हॉकी खेलता रहा. करीब 12 साल तक मैंने हॉकी खेली. अब समय आ गया है कि नई पीढ़ी को यह मौका दिया जाए.

सरदार सिंह

प्यार में मिला दर्द... मगर नहीं हारे सरदार

इस दिग्गज की प्रेम कहानी ने सरदार के नाम पर से कभी न हटने वाला दाग लगा दिया और ऐसा जख्म दिया जिससे वह शायद आज तक उबर नहीं पाए हैं. सरदार सिंह की ये कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. सरदार सिंह को फेसबुक पर एक लड़की (लड़की की निजता को ध्यान में रखते हुए हम नाम नहीं बता रहे हैं) से प्यार हुआ. वो लड़की थी तो लंदन में, लेकिन रहने वाली सिरसा की थी.

सरदार सिंह का प्यार परवान चढ़ा. सरदार ने पहली मुलाकात के लिए भी हॉकी ग्राउंड को ही चुना. हालांकि उनकी उस दिन मुलाकात नहीं हुई, लेकिन दोनों के बीच ईमेल और फोन पर लंबी बातें जारी थीं. महीनों बाद सरदार सिंह ने लंदन जाकर उस लड़की से बात करने का फैसला किया. दोनों के परिवार की रजामंदी से उनकी सगाई हो गई.

सरदार सिंह

सबकुछ सही चल रहा था तभी साल 2016 में अचानक खबर आई कि भारतीय हॉकी टीम के कप्तान सरदार सिंह पर ब्रिटेन की किसी महिला ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया है. वो वही लड़की थी, जिससे सरदार सिंह प्यार करते थे. हालांकि इस दौरान सरदार सिंह ने उस लड़की के इन सभी आरोपों को गलत ठहराते रहे.

बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम के बाद दोनों का रिश्ता हमेशा के लिए टूट गया. सरदार सिंह ने इसके बाद खेल पर अपना ध्यान लगाया और 2016 ओलंपिक में देश की कमान भी संभाली.

फिटनेस के मामले में कोहली को देते हैं टक्कर

सरदार सिंह का नाम उन भारतीय खिलाड़ियों में शुमार है, जो काफी फिट है. साल 2018 में सरदार सिंह ने यो-यो टेस्ट में भारतीय क्रिकेटरों से ज्यादा स्कोर करते हुए सबको चौंका दिया था. यो-यो टेस्ट में सरदार ने 21.4 अंक हासिल किया था. इस टेस्ट में भारतीय क्रिकेट टीम में सबसे अच्छा यो-यो स्कोर पाने वाले क्रिकेटर मनीष पांडे थे. पांडे ने 17.4 का स्कोर था. जबकि कोहली समेत अन्य भारतीय क्रिकेटर उनसे पीछे ही थे.

सरदार सिंह आज अपनी जिंदगी की नई पारी की शुरुआत कर चुके हैं. रिटायरमेंट के बाद बतौर सेलेक्टर वह हॉकी इंडिया से जुड़े हुए हैं. हालांकि निजी जीवन में अब भी प्यार और साथी की तलाश जारी है.

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