नई दिल्ली: मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से नवाजे जाने वाले पहले फुटबॉलर सुनील छेत्री ने बुधवार को कहा कि पिछले 16 वर्षों में भारत के लिये खेलते हुए उनका सफर किसी स्वप्न से कम नहीं रहा है.
छेत्री ने 2005 में 12 जून को पाकिस्तान के खिलाफ भारत के लिये अपना पदार्पण किया था और उन्होंने कई बार देश के लिये फुटबॉल इतिहास रचा और अब उनके नाम एक उपलब्धि जुड़ गयी जब उन्हें देश के सबसे बड़े खेल पुरस्कार के लिये चुना गया.
छेत्री ने कहा, "मैं काफी रोमांचित हूं, मैं सचमुच शुक्रगुजार हूं और सम्मानित महसूस कर रहा हूं. मैंने हमेशा ही कहा है कि मेरा सफर स्वप्न की तरह रहा है और यह मेरे परिवार, टीम के साथियों और कोचों के बिना संभव नहीं हो पाता."
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) की विज्ञप्ति के अनुसार 36 वर्षीय भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय टीम के लिये खेलना शानदार रहा है, इतने वर्षों के लिये, इतने सारे मैच खेलकर, यह शानदार सफर रहा है.’’