नई दिल्ली : एआईएफएफ ने पिछले महीने उच्चतम न्यायालय के समक्ष आवेदन किया था और अपनी वर्तमान कार्यकारी समिति के कार्यकाल को इस आधार पर बढ़ाने की मांग की थी कि अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों ने अभी तक चुनाव कराने के लिये नया संविधान नहीं बनाया है.
मौजूदा कार्यकारी समिति का चार साल का कार्यकाल सोमवार को समाप्त होगा और सामान्य परिस्थितियों में चुनावों का आयोजन एजीएम के दौरान प्रफुल्ल पटेल की मौजूदगी में कराना था जो 2012 से ही एआईएफएफ अध्यक्ष हैं लेकिन वो खेल संहिता के अनुसार चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं.
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) एआईएफएफ की एक सदस्य इकाई के शीर्ष अधिकारी ने कहा, ''कोई चुनावी प्रक्रिया नहीं की गयी थी जैसे निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति, विभिन्न पदों के लिए नामांकन भरना. इसलिए कोई चुनाव नहीं होंगे लेकिन हम नहीं जानते कि मौजूदा कार्यकारी समिति के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए कोई प्रस्ताव पारित किया जाएगा या नहीं.''
उन्होंने कहा, ''एआईएफएफ ने उच्चतम न्यायालय में कार्यकारी समिति के कार्यकाल को बढ़ाने की मांग की थी लेकिन अभी तक इस मामले की सुनवाई नहीं हुई है. इसलिये एआईएफएफ ही जानता है कि कल क्या होने वाला है.'' फीफा (फुटबॉल की अंतरराष्ट्रीय संचालन संस्था) के प्रवक्ता ने बस इतना ही कहा कि वो एआईएफएफ से विश्व संस्था के कानून के अनुच्छेद 14 के अंतर्गत अपने दायित्वों को पूरा करने की उम्मीद करता है.
फीफा प्रवक्ता ने एक समाचार एजेंसी ने कहा, ''फीफा आगामी चुनावी प्रक्रिया के संबंध में एआईएफएफ से संपर्क में है. स्वायत्ता के सिद्धांत का सम्मान करते हुए फीफा अपने सभी सदस्य संघों से उम्मीद करता है कि वे फीफा कानून के अनुच्छेद 14 के दायित्वों को पूरा करे.''
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फीफा का अनुच्छेद 14 सदस्य संघों के विश्व संस्था के मानक कानूनों का पालन करने, अपने काम स्वतंत्र रूप से करने और किसी तीसरे पक्ष से प्रभावित होकर नहीं करने तथा साथ ही फीफा संस्थाओं के कानून, नियमों, दिशानिर्देशों और फैसलों का तथा खेल पंचाट के फैसलों का पालन करने से संबंधित है.