कोच्चि :केरल का फुटबॉल प्रेम सदियों पुराना है और इसे किसी परिचय की जरूरत नहीं है. चाहें वो कोई इंटरनेशनल मैच हो या फिर जबरदस्त रूप से लोगों में लोकप्रिय कोई और खेल. जब भी मैदान में गेंद पर पहली किक लगती है तो पूरा माहौल जोश से भर जाता है.
बरतानी सैनिकों और मिशनरीज के समय से लेकर आज तक दुनिया के इस हिस्से (केरल) में फुटबॉल जबरदस्त रूप से लोकप्रिय रहा है. यहां तक की उस समय क्रिकेट भी बैकफुट पर चला जाता है. इस राज्य ने फुटबॉल के माध्यम से सम्मान हासिल किया है, क्लबों ने अपने लिए नाम कमाया है और फुटबॉलर हर घर में एक मशहूर नाम बन गए हैं.
केरला ब्लास्टर्स के फैंस स्टेडियम में साल 2014 तक हालांकि इन तमाम बातों पर एक तरह से विराम लगा हुआ था. इस बीच कई क्लबों का जन्म हुआ लेकिन कोई वक्त के कठोर थपेड़ों को झेल नहीं सका. 2014 में केरला ब्लास्टर्स के जन्म के साथ एक नए युग का उदय हुआ. अपने उदय के पांच साल में ब्लास्टर्स दिन प्रतिदिन मजबूत हुआ है.
अब ब्लास्टर्स की पहचान एशिया में सबसे अधिक सपोर्ट किए जाने वाले क्लबों में से एक है. फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर इस क्लब के 10 लाख से अधिक फॉलोवर्स हैं. दुनिया भर में सबसे अधिक डिजिटली फॉलोड 100 क्लबों में ब्लास्टर्स एकमात्र दक्षिण एशियाई फुटबाल क्लब है.
ब्लास्टर्स के डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कुल 43 लाख फॉलोवर्स हैं और इसी कारण ये क्लब वैश्विक और एशियाई सूची में 10वें स्थान पर काबिज है. इस क्लब के लास एंजेलिस गैलेक्सी (41 लाख), सेल्टिक एफसी (31 लाख) और एएफसी चैम्पियंस लीग विजेता काशिमा एंटलर्स (पांच लाख) से भी अधिक फॉलोवर्स हैं.
कोच्चि के जवाहर लाल नेहरू स्टेडिय में ब्लास्टर्स को मिलने वाले होम सपोर्ट को किसी भी सूरत में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. शुरूआती दो साल में इस स्टेडियम की कैपेसिटी 60 हजार थी लेकिन सुरक्षा कारणों से इसे 40 हजार कर दिया गया. हीरो इंडियन सुपर लीग में केरल के सपोटर्स दूसरी टीमों के लिए हमेशा से एक चुनौती रहे हैं.
कोच एल्को स्कॉटोरी ने एक बार कहा था, "कोच्चि के स्टेडियम में मौजूद रहने वाले फैंस ब्लास्टर्स के लिए एक अतिरिक्त खिलाड़ी के तौर पर काम करते हैं."
तो फिर क्या कारण है कि इस टीम को अभी आईएसएल खिताब नहीं मिल सका है. यह टीम दो बार खिताब के करीब आई और दोनों ही बार (2014 तथा 2016) एटीके के हाथों हार गई. बीते दो सीजन में यह टीम प्लेआफ में भी नहीं पहुंच सकी है. इसकी बीती कहानी निराशाजनक है लेकिन स्कॉटोरी ने कुछ नए खिलाड़ियों को लेते हुए इस टीम के लिए नए सिरे से उम्मीद की किरण जगाई है.