हैदराबाद:अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने पुरुष सीनियर टीम के लिए कोच के चयन की प्रक्रिया को सात मई तक पूरा करने का फैसला किया है.
एआईएफएफ कोच पद के लिए उन्हें प्राथमिकता देगा, जिनके पास प्रो-लाइसेंस के साथ-साथ राष्ट्रीय टीम की कोचिंग का भी अनुभव हो.
आपको बता दें संजय सेन एक ऐसा नाम है जो प्रो-लाइसेंस होने के साथ-साथ अपने मार्गदर्शन में मोहन बागान क्लब को आई-लीग का खिताब जिता चुके हैं और अभी वो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) क्लब एटीके से जुड़े हुए हैं.
सेन का मानना है कि फेडरेशन को पुरुष सीनियर टीम के लिए भारतीय कोच का चयन करना चाहिए.
उन्होंने कहा,"यदि आप मुझसे भारतीय और विदेशी कोच में से चुनने को कहेंगे तो मैं भारतीय का नाम लूंगा, लेकिन ये मत पूछना कि क्यों? क्योंकि इसका कोई जवाब नहीं है. आईएसएल में अधिकतर विदेशी कोच हैं, लेकिन आई-लीग अधिक प्रतिस्पर्धी है और इसमें अधिकतर कोच भारतीय हैं."
हालांकि पूर्व भारतीय फुटबॉलर और मौजूदा समय में कोचिंग कर रहे बिस्वजीत भट्टाचार्य का मानना है कि विदेशी कोच का होना भी बुरा नहीं है.
उन्होंने कहा,"विदेशी कोच टीम के विकास के लिए ठीक है, लेकिन इसके साथ ही भारतीय कोच को भी अपने साथ जोड़ना अच्छा होगा. लेकिन महासंघ ऐसा नहीं करेगा."
साथ ही उन्होंने कहा,"आपको कद के अनुसार कोच लाने की जरूरत है. यदि आप विदेशी कोच लाना चाहते हैं तो स्वेन गोरान एरिकसन जैसे कोच को लाएं, जो इंग्लैंड राष्ट्रीय टीम के कोच रह चुके हैं."