अहमदाबाद:तजाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच में 2-0 की बढ़त बनाने के बावजूद 4-2 से हार झेलने वाली भारतीय फुटबॉल टीम शनिवार को इंटरकॉन्टिनेंटल कप के अपने दूसरे मैच में उत्तर कोरिया के खिलाफ जीत हासिल करने का प्रयास करेगी क्योंकि अगर वो ये मैच भी हार गई तो वो फाइनल की रेस से बाहर हो जाएगी.
उत्तर कोरिया के लिए भी ये करो या मरो का मुकाबला है क्योंकि पहले मैच में सीरिया से 2-5 से हारने के बाद ये टीम भी फाइनल की रेस में बने रहने चाहेगी और इसके लिए उसे भारत के खिलाफ हर हाल में जीत चाहिए होगी.
टूर्नामेंट के पहले मैच में मेजबान टीम की शुरुआत दमदार रही थी और उसने कप्तान सुनील छेत्री के दो गाले के दम पर पहले हाफ 2-0 से बढ़त बना ली थी. हालांकि, दूसरे हाफ मैच पूरी तरह से पलट गया और तजाकिस्तान ने धमाकेदार वापसी करते हुए अप्रत्याशित जीत दर्ज की.
पहले हाफ में भारत के अटैक और डिफेंस में बेहतरीन सामंजस्य दिखा. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि टीम नए कोच इगोर स्टीमाक की फिलॉसफी को समझ गई है और प्रतियोगिता की शुरुआत जीत के साथ करगी. हालांकि, ऐसा हो नहीं पाया और भारत की डिफेंस दूसरे हाफ में फिसड्डी साबित हुई.
स्टीमाक ने तजाकिस्तान के खिलाफ संदेश झिंगन, अनस इडाथोडिका और प्रणॉय हल्दर की जगह आदिल खान और अमरजीत सिंह कियाम जैसा युवा खिलाड़ियों को मौका दिया. पहले हाफ में कोच का ये दांव सही साबित होता हुआ भी दिख रखा था. हालांकि, मुकाबले में मिली हार ने मुख्य कोच को अपनी रणनीति के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है.
फीफा विश्व कप-2022 के क्वालीफायर की तैयारियों के रूप में इंटरकॉन्टिनेंटल कप जैसे टूर्नामेंट बहुत अहम हैं. ऐसे में भारतीय टीम के सहायक कोच वेंकटेश एस ने माना कि वे लगातार खिलाड़ियों का आकलन करते रहेंगे और मैच के लिए सही टीम चुनेंगे.
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने वेंकटेश के हवाले से बताया,"स्टीमाक के लिए सभी 23 खिलाड़ी बराबर हैं और हमारे पास हर पोजिशन के लिए बहुत सारे खिलाड़ी हैं. हमने देश के सर्वश्रेष्ठ 23 खिलाड़ी चुने हैं, हम हर किसी का उपयोग करना चाहते हैं और ये देखना चाहते हैं कि एक निश्चित स्थिति में वे कैसी प्रतिक्रिया देते हैं."