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अनवर अली ने कहा, मैं सिर्फ खेलना चाहता हूं और ठीक हूं - U-17 World Cup

पिछले साल हृदय से जुड़ी बीमारी का पता चलने के बावजूद भारत की अंडर-17 टीम के स्टार रहे अनवर अली ने गुरुवार को कहा कि वो सिर्फ फुटबॉल खेलना चाहते हैं.

Anwar Ali
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Published : Sep 3, 2020, 9:31 PM IST

नई दिल्ली : अनवर अली का मानना है कि अगर वह फुटबॉल नहीं खेलकर असामयिक मौत से बच सकते हैं तो फिर शायद उनकी मौत ईंटें ढोकर या और कोई छोटा मोटा काम करते हुए हो जाए.

अनवर अली

पिछले साल इस बीमारी का पता चलने के बाद इस उभरते हुए सेंटर बैक ने अपने बचपन के क्लब मिनर्वा पंजाब के मालिक को यह बात कही थी. इस बीमारी के कारण इंडियन सुपर लीग की फ्रेंचाइजी मुंबई सिटी के साथ उनका अनुबंध रद हो गया. फ्रेंचाइजी ने फ्रांस और मुंबई में प्रतिष्ठित डॉक्टरों के साथ सलाह मशविरे के बाद ये कदम उठाया.

गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले 20 साल के अनवर ने हालांकि उम्मीद नहीं छोड़ी है. अनवर को दूसरी डिविजन आईलीग के आगामी सत्र के लिए मोहम्मडन स्पोर्टिंग के साथ अनुबंध मिला है जो भारतीय फुटबॉल की तीसरी टीयर की लीग है.

क्लब के सचिव बिलाल अहमद खान कोलकाता के एक निजी अस्पताल में रक्त परीक्षण और सीटी स्कैन के दौरान अनवर के साथ थे. अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की मेडिकल समिति इन रिपोर्ट के आधार पर प्रतिस्पर्धी फुटबॉल में अनवर के भविष्य पर फैसला करेगी. अनवर ने कहा कि वह बिलकुल स्वस्थ हैं और उन्हें पंजाब के डॉक्टरों से क्लीयरेंस प्रमाण पत्र भी मिले हैं जिसमें चंडीगढ़ का प्रतिष्ठित पीजीआईएमईआर भी शामिल है.

अनवर अली

तीन साल पहले अंडर-17 विश्व कप में अपने कौशल से प्रभावित करने वाले अनवर ने एक समाचार एजेंसी से कहा, ''मुझे नहीं पता कि रिपोर्ट में क्या होगा लेकिन मुझे पता है कि मैं अच्छा कर रहा हूं. मुझे कोई समस्या नहीं है. मैं खेलना चाहता हूं और फुटबॉल में करियर बनाना चाहता हूं.''

मिनर्वा के साथ प्रभावशाली शुरुआत के बाद एआईएफएफ की डेवलपमेंटल टीम एरोज का हिस्सा रहे अनवर ने कहा, ''मैं यहां (कोलकाता में) पिछले दो-तीन हफ्तों से दिन में दो बार ट्रेनिंग कर रहा हूं और मैंने कोई समस्या महसूस नहीं की.'' संपर्क करने पर आईलीग के सीईओ सुनंदो धर ने कहा कि अंतिम फैसला एआईएफएफ की मेडिकल समिति करेगी. उन्होंने कहा, ''आज उसके जो परीक्षण हुए उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही महासंघ की मेडिकल समिति फैसला करेगी. उन्हें बैठक करके रिपोर्ट देखने में पांच दिन से एक हफ्ते का समय लग सकता है.''

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