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EXCLUSIVE: 'हैदराबाद एफसी भविष्य के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार कर रहा है'

ईटीवी भारत के साथ एक खास साक्षात्कार में हैदराबाद एफसी के सह-मालिक वरुण त्रिपुरानेनी ने अपनी टीम के वर्तमान और भविष्य के बारे में विरतार से अपना पक्ष रखा.

वरुण त्रिपुरानेनी
वरुण त्रिपुरानेनी

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Published : Jan 16, 2021, 8:06 PM IST

हैदराबाद: हैदराबाद एफसी के सह-मालिक वरुण त्रिपुरानेनी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि वो शहर में जमीनी स्तर और स्कूल स्तर की फुटबॉल में उच्च भागीदारी को देखकर अभिभूत हैं. उन्होंने हैदराबाद एफसी के साथ हैदराबाद के फुटबॉल दिग्गजों को लाने से जुड़े हुए सवालों का भी जवाब दिया.

व्यवसाय विकास में अपना करियर छोड़कर खेल प्रशासन में कदम रखने वाले मैनेजमेंट के पूर्व छात्र ने बताया कि जर्मन क्लब बोरुसिया डॉर्टमंड के साथ हैदराबाद एफसी की साझेदारी का क्षेत्र के फुटबॉल के लिए क्या मायने रखता है.

इस बीच, 35 वर्षीय फुटबॉल उद्यमी ने ये स्पष्ट किया कि वो हैदराबाद एफसी को एक अल्पकालिक व्यापार परियोजना के रूप में नहीं देख रहा है. वो और उसकी टीम शहर की फुटबॉल संस्कृति को पुनर्जीवित करने के के प्रयास में हैं.

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इंटरव्यू के कुछ अंशः

Q: हैदराबाद फुटबॉल के लिए आपका क्या नजरिया है?

वरुण त्रिपुरानेनी: हैदराबाद के फुटबॉल इतिहास के कारण हमने इसको अपने फ्रैंचाइजी के रूप में चुना. हम हैदराबाद फुटबॉल के इतिहास से अवगत हैं. 1950 और 1960 के दशक इस क्षेत्र के फुटबॉल के सुनहरे दिन थे. हैदराबाद को हमारा बेस मानने का ये एक मुख्य कारण है.

इसके अलावा, इस शहर ने सभी खेलों के लिए एक वातावरण विकसित किया है. वास्तव में, देश की लगभग सभी लीगों में इस शहर की फ्रेंचाइजी है.

मुझे कहना ये होगा कि हैदराबाद की खेल संस्कृति काफी मजबूत है.

Q: क्लब फुटबॉल में, प्रशंसकों का जुड़ाव एक महत्वपूर्ण फैक्टर है और स्थानीय प्रशंसक क्लब का एक अभिन्न हिस्सा होते हैं. क्या आपको लगता है कि हैदराबाद में फुटबॉल एचएफसी के माध्यम से अपनी खोई हुई चमक को वापस पा रहा है? क्या आप जिस तरह से चीजें विकसित कर रहे हैं उससे खुश हैं?

VT:मेरा मानना ​​है कि इस शहर में इस खेल की लोकप्रियता मौजूद है. लेकिन मुझे लगता है कि शहर की खोई हुई फुटबॉल संस्कृति को पुनर्जीवित करने और इसे फिर से लोकप्रिय बनाने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है. प्रीमियर लीग और ला लीगा जैसी यूरोपीय फुटबॉल लीग के लिए रुचि हमेशा यहां बहुत अधिक रही है. मैंने देखा है कि कई यूरोपीय क्लब का हैदराबाद में एक बहुत मजबूत फैन क्लब है.

प्रशंसकों के साथ बस थोड़ी सी बातचीत से मुझे पता चला कि वे खुश हैं कि उनके शहर में अब अपना खुद का क्लब मिला है. आपने पिछले सीजन में उन सभी को हमारे मैचों के दौरान हैदराबाद एफसी का समर्थन करने के लिए एक साथ आते देखा था. यह एक उत्साहजनक तथ्य है.

लेकिन अभी इसके साथ-साथ जमीनी स्तर पर भी बहुत काम किए जाने की जरूरत है. मेरा मानना ​​है कि हम राज्य महासंघ (तेलंगाना फुटबॉल एसोसिएशन) के साथ मिलकर क्षेत्रीय लीग में काम कर सकते हैं.

Q: फुटबॉल के प्रति दीवानगी को भुनाने और मुद्रीकरण करने में सक्षम नहीं होना, भारत में गुणवत्ता और लोकप्रियता दोनों मामलों में फुटबॉल की गिरावट का एक बड़ा कारण है. तो, आपको क्या लगता है कि फुटबॉल को भारत में एक स्थायी और लाभदायक व्यवसाय बनाने के लिए क्या करना होगा?

VT: मुझे लगता है कि व्यावसायिक पहलू और वित्तीय व्यवहार्यता खेल के व्यवसाय की कुंजी है. उस मामले में आगे बढ़ने के लिए सही दृष्टि और सही योजना का होना जरूरी है. हम आईएसएल फ्रेंचाइजी हैदराबाद एफसी को एक लघु अवधि के व्यवसाय के रूप में नहीं देख सकते हैं.

हमारा लक्ष्य जमीनी स्तर पर एक मजबूत आधार और एक प्रतिभा पूल का निर्माण करना है ताकि खिलाड़ी रैंकों के माध्यम से आ सकें. मुझे लगता है कि किसी भी क्लब के लिए जमीनी स्तर पर फुटबॉल का निवेश महत्वपूर्ण है.

Q: 2020 में HFC ने प्रसिद्ध जर्मन क्लब बोरुसिया डॉर्टमंड के साथ एक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किया. यह साझेदारी हैदराबाद एफसी के लिए कैसे फायदेमंद होगी?

VT:जैसा कि मैंने पहले कहा था, हमने जमीनी स्तर पर अच्छी भागीदारी देखी, इसलिए हमने यह महसूस किया कि उसे भुनाने की जरुरत है.

जैसा कि हम शुरू से शुरुआत कर रहे हैं, तो हमारे लिए एक ऐसे क्लब को साथी के रुप में ढूंढना जरुरी था जो जमीनी स्तर और युवा विकास में संभवतः सर्वश्रेष्ठ हो.

हमने महसूस किया कि इस मामले में बोरूसिया डॉर्टमंड से बेहतर कोई नहीं है. यह महत्वपूर्ण है कि हम शुरू से ही उनसे सीखें और ऐसा कुछ करें जो हमारे लिए गलत न हो. यही कारण है कि हम बोरूसिया डॉर्टमंड के लिए गए.

डॉर्टमंड के साथ आप हैदराबाद में होने वाले बहुत सारे कोच शिक्षा कार्यक्रम देखेंगे. लेकिन महामारी के कारण यात्रा में प्रतिबंध है इसलिए हम इसे अब तक शुरू नहीं कर सके हैं.

Q: जैसा कि आपने बताया, हैदराबाद एफसी कोचिंग और युवा विकास कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. तो, क्या आप शब्बीर अली और विक्टर अमलराज जैसे हैदराबाद फुटबॉल के दिग्गजों की मदद लेना चाहेंगे?

VT:हम पूर्व खिलाड़ियों से नियमित संपर्क में हैं. फिलहाल यह एक औपचारिक कोचिंग की भूमिका में नहीं है. वर्तमान में हम भविष्य के लिए एक योजना पर काम कर रहे हैं और निश्चित रूप से हमारे साथ बोर्ड पर उनके जैसे कुछ व्यक्तित्व चाहते हैं.

लेकिन अभी हमारी प्राथमिकता भविष्य के लिए एक रणनीति तैयार करना है. हमें उम्मीद है, अगले एक या दो महीने में, आईएसएल का यह सीजन खत्म होने से पहले हम पूरे 12 महीनों के लिए अपने कैलेंडर के रोलआउट की घोषणा कर देंगे. इसलिए हम चाहते हैं कि प्रशिक्षकों, बच्चों, महासंघ और स्कूलों के प्रिंसिपलों सहित सभी हितधारकों को पता चले कि साल के लिए एचएफसी की योजनाएं क्या हैं. मुझे लगता है कि इससे उन सभी को हमारी योजना की स्पष्ट तस्वीर मिलेगी.

Q: क्या आपको हैदराबाद एफसी के लिए कोई नया निवेशक मिल रहा है? आप क्लब के वित्तीय भाग को मैनेज कैसे कर रहे हैं?

VT:फिलहाल यह सिर्फ परिवार द्वारा फंड किया जा रहा है, लेकिन हम भविष्य में अपने व्यापार मॉडल का आकलन करेंगे. वर्तमान में यह आर्थिक रूप से स्थिर प्रयास है. हम निश्चित रूप से यह हासिल करने के लिए तैयार हैं जो हम करना चाहतें हैं. जाहिर है कि आईएसएल में लोगों की काफी दिलचस्पी है. हमने अन्य क्लबों में नए निवेशों को देखा है, लेकिन हम इस मुद्दे को सही समय पर देखेंगे. अभी हमें किसी निवेशक की तलाश नहीं हैं.

साभार - सुदीप्ता बिस्वास

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