कोलकाता: इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) टीम एटीके-मोहन बागान प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों के बीच होने वाली बोर्ड की बैठक के परिणाम से मोहन बागान के प्रशंसक निराश नहीं होंगे.
भारत के सबसे पुराने क्लब में से एक मोहन बागान का इस साल जनवरी में आईएसएल चैंपियन एटीके में विलय हो चुका है. लेकिन वो अपनी पहचान नहीं खोएगा और इस बात की संभावना है कि क्लब का लोगो और प्रतिष्ठित हरे और मैरून रंग की जर्सी पूरी तरह से नहीं खत्म नहीं होगा.
एटीके-मोहन बागान के सह मालिक नए बोर्ड के निदेशकों की पहली बैठक शुक्रवार को होनी है. बैठक में आर पी एसजी के चेयरमैन संजीव गोयनका और बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली भाग लेंगे. बैठक के बाद नए क्लब का नाम, लोगो और जर्सी के कलर की घोषणा किए जाने की उम्मीद है.
एक करीबी सूत्र में बैठक की पूर्वसंध्या पर कहा,"ये वास्तव में अलग मामला है, लेकिन ये कहा जा सकता है कि मोहन बागान के प्रशंसक निराश नहीं होंगे. ऐसा लग रहा है कि जर्सी में हरे और मैरून रंग को रखा जाएगा और मोहन बागान के लोगो को भी इससे दूर नहीं किया जाएगा."
तीन बार के आईएसएल चैंपियन एटीके और आई-लीग विजेता मोहन बागान इस साल जनवरी में एक हुए थे और एटीके मालिक गोयनक ने मोहन बागान में 80 प्रतिशत साझेदारी खरीदी है.
पिछले महीने कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में पंजीकरण कराते हुए नई फ्रेंचाइजी ने पांच निदेशकों को नाम दिए थे जिनमें उत्सव पारेख, मोहन बागान के श्रीनजॉय बोस और देबाशीष दत्ता के अलावा गॉतम रे और संजीव मेहरा के नाम थे.
ऐसा माना जा रहा है कि सह मालिक गांगुली और मालिक गोयनका, बैठक में बोर्ड के सदस्य होंगे.