नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने जन्मजात हृदय संबंधी विकार का सामना कर रहे भारत के अंडर-17 वर्ल्ड कप फुटबॉलर अनवर अली को बड़ी राहत देते हुए मंगलवार को उन्हें राष्ट्रीय महासंघ के अंतिम निर्णय लेने तक खेलने की अनुमति दे दी. अदालत ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की मेडिकल कमिटी की उस सिफारिश पर रोक लगा दी जिसमें उन्हें प्रतिस्पर्धी फुटबॉल खेलने से रोक दिया गया था.
अली के वकील ने बताया कि अदालत ने उस फुटबॉलर के पक्ष में फैसला सुनाया जिसने मोहम्मडन स्पोर्टिंग को एआईएफएफ के निर्देश को चुनौती दी थी कि वो उसे कोलकाता के इस क्लब के साथ अभ्यास ना करने दें.
भारत के अंडर-17 वर्ल्ड कप फुटबॉलर अनवर अली वकील ने कहा, "हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एआईएफएफ के अंतिम निर्णय लेने तक अली खेल सकते हैं. एआईएफएफ (मोहम्मडन स्पोर्टिंग) का सात सितंबर को लिखा पत्र किसी भी तरह से उन्हें खेलने से रोक नहीं सकता."
उन्होंने कहा, "AIFF के आखिरी फैसले के बाद भी अली फिर से अदालत का दरवाजा खटखटा सकते है."
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) एआईएफएफ की कार्यकारी समिति को मामले पर अंतिम निर्णय लेना बाकी है. इस 20 वर्षीय ने एआईएफएफ द्वारा उसे खेलने से रोकने के फैसले को चुनौती देते हुए एक अक्टूबर को अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था वो परिवार में कमाने वाले इकलौते व्यक्ति हैं और इस फैसले ने उनकी आजीविका छीन ली है.
इस खिलाड़ी को हृदय संबंधित बीमारी एपसियल हाइपरकार्डियो मायोपैथी से पीड़ित पाया गया है. बीमारी का पता चलने के बाद उन्हें राष्ट्रीय शिविर से बाहर कर दिया गया था. अली ने अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व किया है और वो फीफा अंडर-17 विश्व कप में भारतीय टीम का भी हिस्सा थे जिसमें वो सभी मैचों में मुख्य सेंटरबैक के तौर पर खेले थे.
एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने कहा था कि इस मामले में एएफसी मेडिकल कमेटी के प्रमुख दातो गुरूचरण सिंह से राष्ट्रीय महासंघ की चिकित्सा समिति द्वारा परामर्श मांगा, जिन्होंने अली के खेल को जारी रखने के खिलाफ सलाह दी थी. सिंह की सलाह के साथ-साथ अली की जांच करने वाले अन्य सलाहकारों और अस्पतालों की रिपोर्टों को ध्यान में रखते हुए, एआईएफएफ की चिकित्सा समिति ने सर्वसम्मति से युवा खिलाड़ी को फुटबॉल खेलने से परहेज करने की सलाह दी.
अदालत के फैसले के बाद अली अब किसी भी टीम से जुड़ सकते हैं. ब्रिटेन के एक कार्डियोलॉजिस्ट ने इस खिलाड़ी के समर्थन करते हुए कहा कि एचसीएम वाले अधिकांश व्यक्तियों में 'वार्षिक मृत्यु दर' 0.4-0.8 प्रतिशत के बीच है. डॉक्टर ने कहा, "अनवर को कोई खतरा नहीं है क्योंकि उसके परिवार में अचानक मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है."