हैदराबाद: एक फुटबॉल मैगजीन को दिए इंटरव्यू में माराडोना ने कहा कि, "मेरा सपना है कि मैं अंग्रेजों के खिलाफ इस बार अपने दाहिना हाथ से गोल करूं."
बता दें कि इंग्लैंड की टीम डिएगो माराडोना के दो फेमस गोल्स की साक्षी है जिन्होंने इतिहास रच दिया.
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माराडोना फिलहाल एक कोविड जांच में पॉजिटिव आए व्यक्ति के संपर्क में आने की वजह से ब्युनस एयर्स में अपने घर पर आइसोलेशन में हैं.
1986 में मिक्सिको में खेले गए विश्व कप के क्वार्टरफाइनल में अर्जेंटीना के कैप्टन माराडोना ने एक गोल किया जो उनके हाथ से लगकर गोल पोस्ट के अंदर गया.
उस गोल की बदौलत अर्जेंटीना ने सेमी-फाइनल में क्वालीफाई किया. उस गोल को आज "हैंड ऑफ गॉड" के नाम से जाना जाता है.
वहीं दूसरे गोल को करते हुए माराडोना ने अपनी ड्रिबलिंग और जग्लिंग के दम पर आधी से ज्यादा टीम को पीछे छोड़ते हुए गोल किया था.
साल 2000 में फीफा ने माराडोना के इस गोल को विश्व कप के इतिहास का बेस्ट गोल करार किया था.
30 अक्टूबर 1960 में विला फियोरिता, ब्युनस एयर्स में एक गरीब परिवार में जन्में माराडोना अपने माता पिता के पांचवें बच्चे थे.
उनके माता-पिता उनको छोटी हाइट और लड़ाकू रवैये की वजह से "पिलुसा" बुलाते थे.
उन्होंने 1976 में प्रोफेशनल डेब्यू करते हुए अर्जेंटीनोस जूनियर्स से जुड़े थे फिर उनको 1981 में बोका जुनियर्स ने साइन किया. जिसके बाद वो बार्सिलोना से जुड़ गए.
गोल मारने की कोशिश करते डिएगो माराडोना 1984 में उनको नेपोली ने साइन किया.
माराडोना 1977-1994 के बीच नेशनल टीम से जुड़े जिस बीच टीम ने 1982 और 1986 खेला. 1994 में खेले गए विश्व कप से माराडोना को बाहर कर दिया गया क्योंकि उनपर डोपिंग का चर्ज लगा था साथ ही उनको 1 साल के लिए सस्पेंड भी कर दिया गया.
इसके कुछ ही दिनों बाद उनको ब्युनेस एयर्स में गिरफतार कर लिया गया और उनको एक रात जेल में बितानी पड़ी.
डिएगो माराडोना का विवाद से पुराना नाता था वहीं वो कई बार कैमरे पर अपनी विवादित कारनामों को लेकर कैमरे में कैद हुए.