नई दिल्ली: सुपर कप फुटबॉल टूर्नामेंट में हिस्सा न लेने के कारण अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की अनुशासनात्मक समिति के साथ रविवार को हुई बैठक के बाद दिग्गज फुटबॉल क्लब ईस्ट बंगाल के अंदर दरार और बढ़ गई है.
क्लब के आधिकारी देबब्रत सरकार ने कहा कि टूर्नामेंट से नाम वापस लेना एक भूल थी जबकि उसके प्रायोजक क्वेस ऐसा नहीं मानते.
क्वेस के एक सीनियर अधिकारी ने मीडिया को बताया कि उन्हें क्लब के अधिकारी द्वारा दिए गए इस प्रकार के बयान के बारे में जानकारी नहीं है, जिसमें क्लब ने टूर्नामेंट से नाम वापस लेने के निर्णय पर खेद व्यक्त की हो.
क्वेस के अधिकारी ने कहा,"हमने इस प्रकार का कोई भी बयान जारी नहीं किया है और अगर हम कोई बयान जारी करेंगे तो वो सभी संबंधित पार्टियों को जाएगा."
दूसरी ओर, सरकार ने कहा,"हमने गलती की और अन्य क्लबों ने भी गलतियां की. एआईएफएफ राष्ट्रीय बोर्ड है जो क्लबों की उसी तरह देखभाल करता है जैसे माता-पिता अपने बच्चों की इसलिए हमें उम्मीद है कि वे क्लबों के खिलाफ कड़ा रुख नहीं अपनाएंगे."