नई दिल्ली : गोकुलम एफसी क्लब के मालिक वी.सी प्रवीण का कहना है कि भारत में फुटबॉल का ऐसा माहौल होना चाहिए कि सभी क्लब अच्छा कर पाएं और देश में खेल के स्तर को उठाने के लिए केवल धन को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए.
एक समाचार एजेंसी से प्रवीण ने कहा, "पिछली बार केरल के किसी क्लब ने 22 साल पहले ट्रॉफी जीती थी. खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ की कड़ी मेहनत के कारण हम इसे हासिल कर पाए. मुझे खुशी है कि इस परियोजना के बनने के दो साल के भीतर ही हमें नतीजे दिखने लगे हैं."
एक बड़ी छलांग लगा चुके हैं.
डुरंड कप का खिताब जीतने वाली गोकुलम की टीम में नौ खिलाड़ी केरल के ही थे और प्रवीण को गर्व है कि राज्य के खिलाड़ी बेहतरीन प्रदर्शन करने में कामयाब हो पा रहे हैं.
प्रवीण ने कहा, "हम अपनी रिजर्व टीम के चार खिलाड़ियों को मुख्य टीम में शामिल करने में सफल रहे और हम आई-लीग से पहले अधिक खिलाड़ियों को शामिल कर सकते हैं. हमें केरल में फुटबॉल के शानदार दिनों को वापस लाने में सक्षम होना चाहिए और मुझे लगता है कि हमने पहले ही एक बड़ी छलांग लगा चुके हैं."
डुरंड कप का खिताब जीतने वाली गोकुलम एफसी की टीम
फुटबॉल के सुनहरे दिनों को वापस लाना
भारतीय फुटबॉल के भविष्य पर बात करते हुए प्रवीण ने कहा, "भारतीय फुटबॉल में आइजोल एफसी की तरह अधिक जीत होनी चाहिए, न कि बिना प्रमोशन और रेलिगेशन वाली लीग होनी चाहिए जहां केवल अमीर और शक्तिशाली क्लब खेल सकते हैं."
प्रवीण ने कहा कि वह केरल में फुटबॉल के सुनहरे दिनों को वापस लाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, "क्वालिटी ज्यादा होने के कारण आई-लीग के पास बेहतरीन अवसर हैं। आप एक अच्छे लीग में खेलकर ही बेहतर क्लब बन पाएंगे. यदि आप आईएसएल जितना आई-लीग की मार्केटिंग करते हैं तो मुझे लगता है कि टूर्नामेंट खुद को बनाए रखने में सक्षम हो पाएगा.
विदेशी खिलाड़ी टीम में अधिक अनुभव लेकर आते हैं
यदि आप दोनों लीग में दर्शकों की संख्या की तुलना करते हैं, तो आप देख सकते हैं कि ये लगभग बराबर है. इसलिए एक अच्छा प्रदर्शन करने वाली लीग को सिर्फ इसलिए बंद करने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि देश में एक अन्य लीग मौजूद है."
कोस्टा रिका की टीम में केलोर नवास की हुई वापसी
शुरुआती-11 में विदेशी खिलाड़ियों को लेकर नीति में बदलाव करने पर प्रवीण ने कहा, "मुझे लगता है कि वर्तमान में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या दोनों लीगों के लिए उपयुक्त है. विदेशी खिलाड़ी टीम में अधिक अनुभव लेकर आते हैं. भारतीय खिलाड़ी उनके साथ खेलकर भी बहुत कुछ सीख सकते हैं."