नई दिल्ली: दुनिया के महानत फुटबॉल खिलाड़ियों में गिने जाने वाले अर्जेटीना के डिएगो माराडोना का बुधवार को 60 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. 1986 में अर्जेटीना को अपनी कप्तानी में विश्व कप दिलाने वाले माराडोना को इस विश्व कप में दो गोल-हैंड और गॉड और गोल ऑफ द सेंचुरी के लिए जाना जाता है.
19 साल पहले फीफा मैग्जीन के एडिटर आंद्रेस वर्ज ने ब्यूनस आयर्स में माराडोना का इंटरव्यू लिया था. इस इंटरव्यू में माराडोना ने माना था कि उनकी सबसे बड़ी गलती ड्रग्स लेना था.
वर्ल्ड कप ट्रॉफी के साथ माराडोना पेश हैं उस इंटरव्यू के कुछ महत्वपूर्ण अंश.
सवाल : आपकी नजर में ऐसा कौनसा खिलाड़ी है जो आपका स्थान ले सकता है?
जवाब : हर फुटबॉल खिलाड़ी को अपनी प्रतिभा के हिसाब से अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करनी चाहिए, अपना खेल खेलना चाहिए और दूसरों के हिसाब से अपने को नहीं ढालना चाहिए. पेले, पेले थे. प्लाटिनी, प्लाटिनी थे. माराडोना , माराडोना थे. हर कोई अलग है और रहेगा. मुझे नहीं लगता कि किसी को मुझ जैसा बनने की कोशिश करनी चाहिए. यह संभव नहीं है क्योंकि हर खिलाड़ी की अपनी कुछ विशेषताएं होती हैं. मैंने कभी पेले बनने की कोशिश नहीं की. मैंने सिर्फ माराडोना बनना चाहा."
सवाल : अगर आप अपने जीवन की एक गलती को सुधारना चाहें तो वो क्या होगी ?
जवाब : मैंने काफी गलतियां की हैं और उनके कारण नुकसान उठाया है. सबसे बड़ी गलती ड्रग्स लेना थी. इस एक काम ने कई लोगों को दुखी किया, खासकर मेरी पत्नी और मेरी बेटी. ये ऐसी चीज है जिस पर मैं हमेशा पछताता रहूंगा. लेकिन यह मुझे राक्षस नहीं बनाती. मैं जो हूं वो मैंने कबूला है. मैं अपने आप से खुश हूं. मैं अब उम्मीद करता हूं कि मैं अब 'डिएगो माराडोना फाउंडेशन' के माध्यम से युवाओं को ड्रग्स से दूर रख सकूं. उन्हें वो नहीं करना चाहिए जो मैंनै किया. जहां तक मुझे याद है मैं पांच बच्चों की मदद करना चाहता था.
सवाल : आपकी सबसे कम पसंदीदा याद क्या है ?
जवाब : मेरे समय का इटली में दुखद अंत. जिन स्थितियों में मैं नाप्लेस से निकला वो मुझे आज भी दर्द देती हैं. मैं इसे कभी नहीं भूल सकता. मैं जब नाप्लेस से निकला था तो मेरी टीम के साथी ही मेरे साथ थे और मैंने जो किया उसके लिए उन्होंने मेरा शुक्रिया अदा किया. क्लब के मैनेजमेंट से मेरी बात नहीं हुई. मैं उस तरह की फेयरवेल का हकदार नहीं था. मैंने वो नाप्लेस के लोगों के लिए किया था, उन्हें काफी सारी खुशी दी थी. नापोली को एक प्रतिस्पर्धी टीम बनाने में मदद की थी. लेकिन इसके बाद भी बुरी चीजें हुईं. मेरी नाप्लेस और नापोली को लेकर अच्छी यादें हैं. मैं उस शहर के लोगों को नहीं भूलूंगा और उस समर्थन को भी जो उन्होंने मुझे दिया था.