पुणे : यशस्वी जायसवाल को बचपन के दिनों में क्रिकेट का ककहरा सिखाने वाले कोच ज्वाला सिंह को उम्मीद थी कि राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के बाद उनका शिष्य शानदार प्रदर्शन करेगा और इस वामहस्त युवा बल्लेबाज ने उन्हें निराश भी नहीं किया.
21 साल के इस खब्बू बल्लेबाज ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पदार्पण टेस्ट में शतकीय पारी खेली. वह शतक के साथ टेस्ट करियर का आगाज करने वाले भारत के 17वें बल्लेबाज बने. वह 350 गेंद में 143 रन पर नाबाद है जिससे भारत ने मैच के दूसरे दिन अपनी पहली पारी में 162 रन की बढ़त कायम कर ली.
ज्वाला ने ब्रिटेन से 'पीटीआई-भाषा' को दिये इंटरव्यू में कहा, 'मैं उसके खेल में विकास होता देख खुश हूं. मुझे इसका अहसास था कि वह अच्छी शुरुआत करेगा. उसने आईपीएल में चार शानदार सत्र बिताये और घरेलू क्रिकेट में भी रनों का अंबार लगाया. उसने आईपीएल में दबाव की स्थिति में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का सामना किया है.
यशस्वी के कोच ने कहा, 'उसे यह पता है कि शीर्ष श्रेणी के गेंदबाजों का सामना कैसे करना है. एक खिलाड़ी के तौर पर रन बनाने की आदत होना जरूरी है. एक कोच के रूप में मैं हमेशा अपने खिलाड़ियों को गेंदबाज को नहीं बल्कि गेंद को परखने और उसकी योग्यता पर खेलने के बारे में सिखाता हूं'. उन्होंने कहा, 'किसी भी प्रारूप में मैदान में हमेशा नौ क्षेत्ररक्षक होंगे चाहे वह टी20 हो या वनडे या टेस्ट. एक बल्लेबाज के रूप में आपको वर्तमान में रहना होगा और प्रत्येक गेंद को योग्यता के आधार पर सामना करना होगा और अपनी क्षमता पर विश्वास करना होगा'.