एजेस बाउल (साउथैम्पटन): स्विंग वाली पिच पर न्यूजीलैंड के टॉस जीतने के बावजूद विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भारत के पास अपने प्रदर्शन से संतुष्ट होने का कारण था.
बल्लेबाजी एक चुनौती थी, लेकिन जब मैच के शुरुआती दिन में खराब रोशनी के कारण खेल को तीसरा बार रोका गया था. मैच का पहला दिन पूरी तरह से बारिश में धुल गया था-कप्तान विराट कोहली और उप-कप्तान अजिंक्य रहाणे के बीच चौथे विकेट के लिए एक उम्मीद भरी साझेदारी थी, जिसने आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में और मजबूती के लिए एक मंच तैयार किया.
ये पहले से तय था कि अगर न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन टॉस जीतते हैं तो वह पांच तेज गेंदबाजों के साथ उतरेंगे. भारी बारिश की स्थिति में मैच पूरी तरह से फ्लडलाइट्स के तहत होती है-ने उसे और अधिक प्रभावित किया. जैसा कि क्यूरेटर साइमन ली ने वादा किया था कि पिच में गति और उछाल होगी. लेकिन न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को जितनी जल्दी सफलता की उम्मीद थी, वह सफल नहीं हो पाई.
तारीफ करनी चाहिए भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा और शुभमन गिल का, जिन्होंने खराब गेंद का इंतजार किया और अर्धशतकीय साझेदारी की. वास्तव में, एक समय में उनका रन रेट लगभग 3.7 प्रति ओवर होता तो बेहतर होता अगर आउटफील्ड नमी से इतनी सुस्त नहीं होती.
जब तक सीम के दोनों किनारों के बीच थोड़ा सा कंट्रास्ट नहीं आता है, तब तक इंग्लिश ड्यूक गेंद आमतौर पर देर से स्विंग नहीं करती है. लेकिन ये 50 ओवरों तक हवा में घुमावदार बना रह सकता है जब तक कि यह असाधारण रूप से शुष्क और गर्म न हो और ऐसा केवल जुलाई या अगस्त में ही हो सकता है.