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WTC Final 2023 : खराब शॉट सेलेक्शन से ओवल में दफन हो गया भारत का सपना, इस पर होनी चाहिए चर्चा

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Published : Jun 12, 2023, 10:57 AM IST

पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भारतीय बल्लेबाजों के शॉट सेलेक्शन के साथ साथ बाहर के पिचों पर अपने स्किल न सुधारने की बात पर चर्चा की है और कहा है कि गलत शॉट सेलेक्शन पर बल्लेबाजों से सवाल पूछा जाना चाहिए....

WTC Final 2023 India vs Australia  Indian Batters Shots Selection
खराब शॉट सेलेक्शन पर सवाल

लंदन : आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में हार के बाद भारत के एक और सपने जल्दी दम तोड़ दिया. कई मौकों पर भारतीय टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ चेजर बनने वाले विराट कोहली एक बाहर जाती गेंद पर स्लिप में कैच होकर भारतीय टीम को निराश कर दिया. इसके बाद एक-एक भारतीय बल्लेबाज आउट होता गया और लंच के पहले ही सारी टीम आउट होकर ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के सामने घुटने टेक दिए. ऐसे में कोहली व रहाणे से करिश्माई बल्लेबाजी की उम्मीदें खत्म हो गयीं.

भारतीय टीम के बल्लेबाजों के गलत शॉट सेलेक्शन पर भी सवाल उठाया जाना चाहिए और खिलाड़ियों से नाजुक मौकों पर जरूरत से ज्यादा प्रयोग से बचना चाहिए. गिल के विवादास्पद फैसले के बाद रोहित के स्वीप शॉट खेलने, पुजारा के द्वारा ऊंची जा रही गेंद पर जबरन छेड़खानी करने, कोहली के बाहर जाती गेंद पर बल्ला लगाने जैसी बातों पर सवाल पूछा जाना चाहिए. पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने भी रोहित-पुजारा-कोहली के शॉट सेलेक्शन पर सवाल उठाया था.

444 रनों का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को एक अप्रत्याशित जीत हासिल करनी थी. इसके लिए कोहली और अजिंक्य रहाणे को एक लंबी पारी खेल कर विशाल स्कोर को आसान बनाने की जरूरत थी. ये दोनों ही अंतिम विशेषज्ञ बल्लेबाज पांचवे दिन मौजूद थे. लेकिन कोहली का शॉट सेलेक्शन टीम के प्रशंसकों को निराश कर गया. रोहित ने गिल के आउट देने के फैसले पर अंपायरों को और भी समय लेकर फैसला देने की गुजारिश की, ताकि आईसीसी के बड़े मैचों में ऐसे विवाद से बचा जा सके.

बोलैंड के ओवर में मैच में कोहली के आउट होते ही बाकी बल्लेबाजों की लाइन लग गयी. कोहली के बाद पहली पारी में अच्छी बल्लेबाजी करने वाले रविन्द्र जडेजा सिर्फ 2 गेंदें खेल कर चलते बने. वह एक अच्छी गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए, अच्छी लेंथ और उछाल को वह समझ नहीं सके. बोलैंड को इसी ओवर में तीसरा विकेट भी मिल सकता था, लेकिन एक छोटी गेंद को केएस भरत अच्छे से खेल नहीं पाए और गेंद ने बल्ले का किनारा लिया और पहली स्लिप के ऊपर से उड़कर 4 रन के लिए चली गयी.

इस प्रकार देखा जाए तो टीम के पांच विकेट 179 रन पर गिर गए थे और रहाणे आखिरी भारतीय उम्मीद के रूप में बचे थे. पहली पारी के शीर्ष स्कोरर ने दूसरी पारी में भी 46 रन बनाए और अपने शरीर से दूर खेलने की कोशिश में विकेटकीपर के हाथों लपके गए. इस तरह से देखा जाए तो भारत के आखिरी पांच भारतीय विकेट केवल 22 रन पर गिरे. एक समय टीम के 212 से पांच विकेट थे. पर टीम 234 रन पर ऑल आउट हो गयी.

अब टीम इंडिया को पिछले 10 सालों से आईसीसी ट्रॉफी के सेमीफाइनल व फाइनल में जाकर हारने की आदत से निदान पाने के लिए कुछ करना होगा, क्योंकि इस साल एशिया कप के साथ साथ आईसीसी का वनडे विश्वकप भारत में होने जा रहा है. अगर टीम ने नॉक आउट के साथ साथ सेमीफाइनल व फाइनल में हारने की आदत नहीं बदली तो भारत की झोली में कोई और ट्रॉफी जल्दी नहीं आएगी.

--आईएएनएस के इनपुट के साथ

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