हैदराबाद:भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा इस विश्व कप में एक योध्दा की तरह लड़े हैं. रोहित ने आगे आकर अपनी टीम का नेतृत्व किया है. वो एक ऐसे लीडर रहे हैं जिन्हें अभी तक कोई भी मात नहीं दे पाया है. उन्होंने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से बाकी टीमों को शुरू में ही बैकफुट पर धकेल दिया, जिसका फायदा पूरे मैच में उनकी टीम को मिला. अब उनकी टीम फाइनल में है, जहां 19 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के साथ वो दो-दो हाथ करती हुई नजर आएंगी.
ये रोहित शर्मा पहले जैसे नहीं हैं. उनका नया रूप है जो सामने उभरकर आ रहा है. उन्होंने आईपीएल में अपने तरकस में कई तीरे जोड़े और उन्हीं आक्रमक और नए शॉट्स का प्रदर्शन हिटमैन विश्व कप में करते दिखे हैं. रोहित आज वो कप्तान हैं जो क्रीज पर जाने के बाद विरोधियों पर तेज-तर्रार हमला करना जारी रखते हैं ना कि अपनी लंबी पारी और खुद के बड़े रिकॉर्ड्स की ओर देखते हैं. अब वो मोटेरा में भी धमाकेदार पारी खेलना चाहेंगे.
रोहित शर्मा निडरता और साहस के साथ बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए नजर आते हैं. वो जोखिम लेने से नहीं डरते हैं और ना ही सोचते हैं कि उसका परिणाम किया होगा. वो बस विरोधियों पर हमलावर होते हुए नजर आते हैं. वो अपनी पावर हिटिंग से ऐसा माहौल बना जाते हैं कि नंबर 3 से लेकर 5 तक सभी बल्लेबाज खुल कर खेल पाएं. रोहित की बनाई गई स्टोरीलाइनल पर फिर बाकी बल्लेबाज चलते हैं और बड़ी-बड़ी हिट लगाते हुए नजर आते हैं.
इस टूर्नामेंट में कम से कम तीन मौकों पर रोहित शर्मा 1-10 ओवर तक पावरप्ले के दौरान बोर्ड पर 90 या उससे अधिक रन लगा चुके हैं. ऐसा करने वाले वो इस टूर्नामेंट के पहले खिलाड़ी है. वो जब खेलते हैं तो युवा शुभमन गिल दूसरे छोर से बस स्ट्राइक रोटेट करते हुए नजर आते हैं. रोहित पहले 10 ओवरों में किसी भी खिलाड़ी की तुलना में अधिक चौके और अधिक छक्के लगाने वाले खिलाड़ी है.
रोहित की इस धमाकेदार हिटिंग से गेंदबाज अपनी लाइन और लेंथ पीछे खींच लेत हैं और उन्हें शॉर्ट बॉल पर आउट करना चाहते हैं. रोहित इसका फायदा दोगुनी रफ्तार से उठाते हैं और फुल शॉट के जरिए छक्के लगाते हुए नजर आते हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में रोहित ने धैर्य और वीरता के साथ बल्लेबाजी की और टीम को अच्छी स्थिति में पहुंचा. उन्होंने सेमीफाइनल में 29 गेंदों में 47 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने 4 चौके और 4 छक्के लगाए.