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Cricket World cup 2023: मोटेरा की नरेंद्र मोदी स्टेडियम बनने से पहले क्या थी हालत, जानिए ये अहम बातें - Kapil Dev

अहमदाबाद का नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहले मोटेरा के नाम से जाना जाता था. ये स्टेडियम अब जितना सुंदर और भव्य है वैसा पहले नहीं था. मोटेरा पहले मुल्तान की तरह ही था. जो गर्मी और धूल के लिए जाना जाता था. इस स्टेडियम पर भारत का सबसे असुविधाजनक प्रेस बॉक्स था. मोटेरा से जुड़ी कुछ अहम बातों के साथ मीनाक्षी राव की ये रिपोर्ट आप भी पढ़िए.

Narendra Modi Stadium
नरेंद्र मोदी स्टेडियम

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 4, 2023, 8:32 PM IST

अहमदाबाद (गुजरात) : गुजरात के अहमदाबाद में स्थित नरेंद्र मोदी स्टेडियम को मोटेरा स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है. इस स्टेडियम का पहला नाम मोटेरा था. ये अब दुनिया का सबसे आकर्षण स्टेडियम है. इसमें दर्शकों के बैठने की क्षमता 1,32,000 है. ये दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है. इसी मैदान पर 14 अक्टूबर को भारत और पाकिस्तान की टक्कर भी होने वाली है. इन दोनों ही देशों के खिलाड़ियों के बीच मैदान पर तनाव हमेशा देखा जाता है. इस बार मोटेरा का नरेंद्र मोदी स्टेडियम दोनों टीमों का उत्साह बढ़ा देगा. इस मैदान पर भारत को हारने का डर है और पाकिस्तान को गुजरात में भारत से खेलने का डर है. पाकिस्तान लंबे समय बाद पहली बार 1,32,000 दर्शकों की अवाज एक साथ सुनेगा.

इस मैदान में 1,32,000 दर्शकों को संभालना और पुलिस विभाग द्वारा सुरक्षा के सारे इंतजाम करना बड़ी बात है. इस मैदान पर भारत-भारत के नारे भी विश्व कप के जोश को दिखाते हुए नजर आएंगे. इस मैदान के सारे मैच एक्साइटमेंट और थ्रिलर से भरे होंगे. तो आज हम आपको बताने वाले हैं कि ये मैदान किन-किन रिकॉर्ड्स का गवाह बना है और किन-किन खिलाड़ियों ने यहां पर अपने नाम का ढंका बजाया है.

मोटेरा स्टेडियम से जुड़े कुछ बेहतरीन रिकॉर्ड और अहम बातें

  • इस मैदान को जब 'सरदार पटेल स्टेडियम' के नाम से जाना जाता था. तब 7 मार्च, 1987 को तेज गर्मी और धूप में सुनील गावस्कर ने 10,000 टेस्ट रनों का आंकड़ा पार किया था. गावस्कर ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज बने थे. यह एक ऐसी उपलब्धि थी जिस अब तक कोई भी महान खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया है. इस रिकॉर्ड के करीब सर डॉन ब्रैडमैन भी नहीं पहुंच पाए थे.
  • इसी मैदान पर सुनील गावस्कर ने अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ धमाकेदार पारी खेली थी. उन्होंने 395 रन की बेहतरीन पारी खेली थी.
  • कपिल देव ने 1994 में मोटेरा के इस मैदान पर टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के सर रिचर्ड हेडली के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ था. उन्होंने अपनी 432वीं विकेट हासिल की थी. इस मौके पर दर्शकों ने 432 गुब्बारे आकाश में छोड़े थे. ये मैच श्रीलंका के खिलाफ था जिसमें श्रीलंका के लोगों ने भी जमकर जश्न मनाया था.
  • कपिल देव ने 1983 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ इस स्टेडियम के उद्घाटन मैच में सिर्फ 83 रन पर 9 विकेट अपने नाम किए थे.
  • मोटेरा में गर्मी लगातार बढ़ती रहती थी और सूरज तेज धूल के साथ सीधे आपके सिर पर आता था. यहां पर साल के किस समय मौसम बदल जाए कुछ पता नहीं चलता है. यहां पर लू लगने का खतरा भी होता है जिससे बचने के लिए टोपी पहनने की सलाह दी जाती है.
  • इस स्टेडियम को दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम बनने के लिए 2015 से 2020 तक 5 साल लग गए. इस स्टेडियम को पुनर्निर्मित करने के लिए लगभग 800 करोड़ रुपये की लागत लगी है. अब इस स्टेडियम में वर्ल्ड क्लास लेवल की सुविधाएं हैं. इसमें क्लब क्षेत्र, भोजनालय, बड़े पैमाने पर स्टैंड विस्तार का काम किया गया. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद मोदी के नाम से इस मोटेरा स्टेडियम को अब जाना जाता है.
  • इससे पहले इस स्टेडिमय को तेज गर्मी और धूल से भरा रहने के लिए जाना जाता था.
  • इस मैदान ने पिछले साल हार्दिक पांड्या की कप्तानी में इंडियन प्रीमियर लीग के फाइनल की मेजबानी की थी. यहीं 2011 विश्व कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया खेली थी.
  • इस साल इस स्टेडियम ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम से विश्व कप के फाइनल का गौरव छीन लिया है. इसके साथ ही ईडन गार्डन से भी बड़ा होने की प्रतिष्ठा भी हासिल कर ली है. जो शायद ही कभी सोचा जा सकता था.
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