मुंबई : भारत के कप्तान रोहित शर्मा इतिहास की ओर नहीं देखते हैं, खासकर इसलिए क्योंकि वह जिस युवा टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, उनमें से आधे से अधिक उस दिल तोड़ने वाली हार का हिस्सा नहीं थे जो न्यूजीलैंड ने 2019 के सेमीफाइनल में मैनचेस्टर में टीम इंडिया को दी थी. शर्मा ने कीवी टीम से मिलने से एक दिन पहले प्री-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह शानदार प्रदर्शन करेंगे और उम्मीद है कि मोटेरा फाइनल के लिए रास्ता बनाएंगे.
रोहित ने कहा, 'देखो, यही इस टीम की खूबसूरती है. जब हमने अपना पहला विश्व कप जीता था तब आधे लोगों का जन्म भी नहीं हुआ था. और फिर जब हमने 2011 में अपना दूसरा विश्व कप जीता, तो आधे लोग खेल भी नहीं खेल रहे थे. खिलाड़ियों की इस वर्तमान पीढ़ी के लिए, वे इस बात में बहुत रुचि रखते हैं कि आज क्या हो रहा है, कल क्या हो सकता है. ये वो चीजे हैं जिन पर वे प्रयास करते हैं और ध्यान केंद्रित करते हैं'.
उन्होंने कहा, 'मैं उन्हें इस बारे में बात करते हुए नहीं देखता कि हमने पिछला विश्व कप कैसे जीता, हमने अपना पहला विश्व कप कैसे जीता. फोकस इस बात पर है कि एक खिलाड़ी के रूप में वे कैसे बेहतर हो सकते हैं, वे टीम में क्या ला सकते हैं और उन्हें किन चीजों में सुधार करने की जरूरत है. तो यही हमारे पास मौजूद खिलाड़ियों की खूबसूरती है'.
उन्होंने कहा, 'ध्यान हमेशा वर्तमान पर होता है. और मेरा मानना है कि यह बहुत, बहुत अच्छी बात है. इस तरह के टूर्नामेंट में, गेम नंबर एक से, ध्यान हमेशा इस बात पर रहा है कि हम आज क्या हासिल कर सकते हैं. आज आप जो हासिल करते हैं वह आपको यह निर्धारित करता है कि आप कल क्या हासिल कर सकते हैं. इसलिए, मुझे लगता है कि हमारे पास जो खिलाड़ी हैं, वे उस प्रक्रिया पर बहुत अधिक केंद्रित हैं'.
यह पूछे जाने पर कि जिस टीम का वह नेतृत्व कर रहे हैं, जिसने शानदार प्रदर्शन किया है, क्या वह सबसे संतुलित और प्रभावशाली भारतीय टीम है जिसका वह हिस्सा रहे हैं, उन्होंने कहा, 'हमने 2011 में विश्व कप जीता था और मैं उस टीम का हिस्सा नहीं था. जो लोग खेल रहे हैं उनमें से आधे से अधिक लोग तब पैदा भी नहीं हुए थे जब भारत ने पहली बार 1983 में विश्व कप जीता था. उनमें से कुछ तो 2011 में खेल भी नहीं खेल रहे थे. इसलिए, मैं कहूंगा कि अधिकांश टीमें जिनका मैं हिस्सा रहा हूं अपने तरीकों से प्रभावी रहे है'.
शर्मा एक ऐसे कप्तान हैं, जो अपने खिलाड़ियों का भरपूर समर्थन करते हैं और स्पिनरों की सराहना करते हैं, जो बड़े दिल से खेलते हैं और कुछ रन खर्च करने से नहीं डरते. कुलदीप यादव के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा धर्मशाला में पहले स्पैल में कुलदीप पर कीवी बल्लेबाजों द्वारा दबाव डाला गया था, लेकिन अपने दूसरे स्पैल में उन्होंने जोरदार वापसी की'.
रोहित ने कहा, 'यह बहुत अच्छा है कि उसे कोई डर नहीं है क्योंकि अगर एक स्पिनर को हिट होने का डर है, तो यह टीम की रणनीति के लिए अच्छा नहीं होगा. उन्होंने कहा, 'कुलदीप ने उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है और हम उनके प्रदर्शन से बहुत खुश हैं'.