हैमिल्टन: भारतीय टीम ने बांग्लादेश के खिलाफ टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया है.अब तक उतार चढ़ाव वाला प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम को आईसीसी महिला विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जीवंत रखने के लिए बांग्लादेश के खिलाफ मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी. भारतीय टीम अभी तक निरंतर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई है. उसने पांच मैचों में दो मैच जीते हैं, लेकिन उसे तीन मैचों में हार का सामना भी करना पड़ा. इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले दोनों मैचों में उसे हार झेलनी पड़ी थी.
भारत की परेशानी यह है कि टीम इकाई के तौर पर प्रदर्शन नहीं कर पा रही है. कभी बल्लेबाज चलते तो गेंदबाज अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाते और जब गेंदबाज उम्मीद जगाते हैं, तब बल्लेबाज असफल हो जाते हैं. आस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में बल्लेबाजों ने अच्छा खेल दिखाया. लेकिन गेंदबाज नहीं चले, जिससे आस्ट्रेलियाई टीम ने 278 रन का रिकार्ड लक्ष्य हासिल कर लिया था. उससे पहले इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम 134 रन पर आउट हो गई थी.
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भारत ने पिछले मैच में आलराउंडर दीप्ति शर्मा को बाहर करके शैफाली वर्मा को मौका दिया था. लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ. बल्लेबाजी में शानदार लय हासिल करने वाली हरमनप्रीत कौर का ऑफ स्पिनर के रूप में अभी तक उपयोग नहीं किया गया है. यह देखना होगा कि बांग्लादेश के खिलाफ महत्वपूर्ण मैच के लिए शैफाली पर विश्वास बनाए रखा जाता है या यास्तिका भाटिया फिर स्मृति मंधाना के साथ पारी का आगाज करती हैं.
आस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच का सकारात्मक पहलू कप्तान मिताली राज का फिर से रन बनाना रहा. वह इससे पहले दो मैचों में नहीं चल पाई थीं. मंधाना भी बांग्लादेश के खिलाफ बड़ी पारी खेलने की कोशिश करेंगी. भारत अब ऐसी स्थिति में है कि वह बांग्लादेश को हल्के से लेने की गलती कतई नहीं कर सकता है और आलराउंडर स्नेह राणा भी ऐसा मानती हैं.
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