हैदराबाद:करीब 37 साल के भारतीय टीम के विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के पास कोई दूसरा विचार या संकोच नहीं है. यहां तक कि केएस भरत ने अपने दस्तानों को गर्म किया और ऋषभ पंत ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ मैच बदलने वाली पारी के साथ गर्मी को बढ़ा दिया. बंगाल के विकेटकीपर साहा अपने आप पर कभी भी बोझ नहीं डालते. क्योंकि उनका पूरा ध्यान अपनी टीम के लिए मैच जीतने के तरीके पर रहता है.
बता दें, साहा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में टेलीफोन पर ईटीवी भारत से कहा, मैं खुश हूं कि मैं टीम में योगदान करने में सक्षम था. मैं हमेशा टीम को आगे रखता हूं.
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भारतीय टीम में सबसे उम्रदराज साहा वह खिलाड़ी हैं, जिस पर कोई भी दांव नहीं लगाता. वह पलक झपकते ही अपने प्रतिद्वंदी की चाल को पहचान जाते हैं और बिना उसकी परवाह किए अपने लक्ष्य को हासिल करते हैं. साहा ने कानपुर टेस्ट में दूसरी पारी में अर्धशतक (126 गेंदों में से 61) का बनाया था. जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी. उनका एक्रोबेटिक, उम्र को धता बताने वाला कैच दर्शकों को खूब भा रहा था. भारत की टीम ने न्यूजीलैंड को 372 रनों से हराकर वानखेड़ स्टेडियम में एक साहसी प्रयास का समापन किया था.
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ऐसा लग रहा था कि कानपुर टेस्ट के बाद साहा अपने कैरियर के अंतिम दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन वह इससे सहमत नहीं हैं. एक विशेष बातचीत में, साहा ने अपनी प्रक्रिया के बारे में बात की, न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की हालिया जीत और टीम के नए कोच राहुल द्रविड़ ने मुंबई टेस्ट से पहले टीम को क्या बताया, आइए जानते हैं.
प्रश्न: आप न्यूजीलैंड के खिलाफ हाल में समाप्त हुई सीरीज को कैसे देखते हैं?
मैं हमेशा टीम को आगे रखता हूं. पहला मैच वैसा नहीं रहा, जैसा हम चाहते थे. लेकिन दूसरे टेस्ट मैच में हमने अच्छी वापसी की. मुझे खुशी है कि मैं टीम के लिए योगदान देने में सक्षम रहा.
प्रश्न: विशेष रूप से कानपुर टेस्ट मैच में आप अपने खुद के प्रदर्शन का आकलन कैसे करेंगे?
अपने खेल का विश्लेषण करने वाला मैं कौन होता हूं? मैं वही करता हूं, जो टीम मुझसे कहती है. मैं अपने प्रदर्शन का आकलन करने की स्थिति में नहीं हूं. मैंने यथा संभव सर्वोत्तम तरीके से योगदान करने की पूरी कोशिश की. अब यह खेल के पाठकों पर निर्भर है कि वे मेरे योगदान का विश्लेषण करें.
प्रश्न: कोच राहुल द्रविड़ के साथ आपका अनुभव कैसा रहा?
यह सिर्फ पहली सीरीज थी. अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. मैंने नोटिस किया कि राहुल भाई (द्रविड़) तैयारी के दौरान कुछ भी नहीं छोड़ते हैं. वह हमें छोटी-छोटी चीजें याद दिलाते रहते हैं, जो अभ्यास सत्र के दौरान फर्क कर सकती हैं.