नई दिल्ली :चीन के हांगझोऊ में खेले जा रहे एशियन गेम्स 2023 में भारत के खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके साथ ही तीन ऐसे भारतीय खिलाड़ी भी हैं जिन्हें मायूसी हाथ लगी है क्योंकि उन्हें चीन के द्वारा एशियन गेम्स में जाने के लिए वीजा जारी नहीं किया गया. जिसके चलते वो एशियन गेम्स में हिस्सा नहीं ले पाए. ये तीनों एथलीट अरुणाचल प्रदेश से हैं. दरअसल अरुणाचल प्रदेश के तीन वुशु खिलाड़ी न्येमान वांगसु, ओनिलु तेगा और मेपुंग लाम्गु को बॉर्डिंग की मंजूरी नहीं दी गई और उन्हें एशियन गेम्स से हाथ धोना पड़ गया.
चीन ने किया खिलाड़ियों के साथ भेदभाव
इन तीनों खिलाड़ियों को हांग्जो एशियाई खेल आयोजन समिति से उनके मान्यता कार्ड नहीं मिले. ये मान्याता कार्ड प्रवेश वीजा के रूप में भी काम आते हैं. इसे मिलने के बाद एथलीट यात्रा दस्तावेज़ के साथ यात्रा कर सकते हैं. ये दस्तावेज पूरी तरह से मान्य होते हैं. चीन ने अपनी कुटिल नीत के तहत इन खिलाड़ियों को एशियन गेम्स में भाग लेने से रोक दिया. चीन की इस हरकत का भारत की ओर से कड़ा विरोध किया गया है. भारत सरकार को इस पूरे मामले में पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने पूर्व निर्धारित तरीके से अरुणाचल प्रदेश राज्य के एथलीट्स का वीजा रोका है. चीन ने एशियन गेम्स के 19वें संस्करण से बाहर कर इन खिलाड़ियों के साथ भेदभाव किया है.
अरिंदम बागची ने की निंदा
इस मामले पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची कहा है कि, भारत दृढ़ता से अधिवास या जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को अस्वीकार करता है और इसका कड़ा विरोध करता हैं. अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था और हमेशा रहेगा' बागची ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी बात रखी. इस मामले के सामने आने के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर अनपी चीन की यात्रा को रद्द कर दिया है.
किरेन रिजिजू ने दिया करारा जवाब
इस मामले पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के द्वारा चीन की कड़ी निंदा की गई है. उन्होंने इस मामले पर कहा कि, 'मैं चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के हमारे वुशु एथलीटों को वीजा देने से इनकार करने के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं. ये खेल की भावना और एशियाई खेलों के संचालन को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का उल्लंघन करता है. खिलाड़ियों के प्रति ऐसा भेदभाव स्वीकार नहीं है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को चीन पर कार्रवाही करनी चाहिए और इस तरह की मनमानी पर रोक लगानी चाहिए.