कोलकाता: न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले दो मैच जीतने के बावजूद कप्तान रोहित शर्मा अपने आक्रामक तेवर नहीं छोड़ेंगे लेकिन रविवार को तीसरे और आखिरी टी20 मैच में रिजर्व खिलाड़ियों को मौका दिया जा सकता है.
दुनिया भर में अनेक निजी लीगों के कारण द्विपक्षीय टी20 श्रृंखलाओं की चमक कम हो रही है लेकिन विश्व कप में खराब प्रदर्शन के बाद इस श्रृंखला को जीतने से भारत के जख्मों पर मरहम लगेगा.
दूसरी ओर विश्व कप सेमीफाइनल के बाद से दो सप्ताह के भीतर पांच मैच खेलने वाली न्यूजीलैंड टीम के लिये यह मैच औपचारिकता मात्र है. इतने बेरहम शेड्यूल और कप्तान केन विलियमसन की गैर मौजूदगी के कारण 0-3 से हार की कगार पर पहुंची कीवी टीम का मानमर्दन तो हुआ होगा लेकिन द्विपक्षीय श्रृंखलाओं के नतीजे से उतना फर्क नहीं पड़ता.
जयपुर और रांची में जीतने के बाद भारतीय टीम श्रृंखला अपने नाम कर चुकी है लेकिन ‘क्लीन स्वीप’ करने के लिये ईडन गार्डन से बेहतर जगह नहीं हो सकती.
बतौर पूर्णकालिक टी20 कप्तान रोहित की यह पहली श्रृंखला है जिसमें पहले दोनों टॉस उन्होंने जीते. इससे हालात का फायदा उठाने में मदद मिली और गेंदबाजों तथा बल्लेबाजों का प्रदर्शन अच्छा रहा.
रोहित ने ईडन गार्डन पर ही वनडे क्रिकेट में 264 रन बनाये थे और यहीं पर कप्तान के तौर पर पहली श्रृंखला 3-0 से जीतना उनके लिये सोने पे सुहागा होगा.
कोच राहुल द्रविड़ को इस तरह की शानदार जीत के बाद नई भूमिका में ढलने में मदद मिलेगी. इसके एक सप्ताह के भीतर ही न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला शुरू होने वाली है.
रोहित और द्रविड़ अब रिजर्व खिलाड़ियों को मौका देकर परखना चाहेंगे. छठे गेंदबाज को चुनने की दशा में वेंकटेश अय्यर से गेंदबाजी कराई जा सकती है चूंकि हुगली नदी से उठने वाली हवाओं से उन्हें अतिरिक्त स्विंग मिलेगी.
रूतुराज गायकवाड़, आवेश खान और ईशान किशन उम्मीद कर रहे होंगे कि कप्तान उन्हें इस मैच में मौका देंगे.