नई दिल्ली :भारतीय क्रिकेट टीम का वर्ल्ड कप में पहला मैच दीपावली से ठीक एक दिन पहले यानी 23 अक्टूबर को खेलने के पहले 4 अभ्यास मैचों में अपनी तैयारियों को परखेगी. विश्वकप के पहले मैच (Mission T20 World Cup 2022) में भारत को अपने चिर परिचित प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ मेलबर्न की पिच पर उतरने के पहले अपनी कई कमियों को दुरुस्त करने का मौका है जिसके लिए 14 सदस्यीय टीम के साथ 16 सदस्यीय सपोर्टिंग व कोचिंग स्टाफ (16 Members Support Staff For T20 World Cup 2022) भेजा गया है, जिसमें सारे दिग्गज अपने अपने फील्ड के माहिर बताए जा रहे हैं. यह 16 सदस्यीय टीम (Team India backroom staff for T20 World Cup) 11 खिलाड़ियों को मैदान पर अपना बेस्ट परफारर्मेंस देने में सहयोग करेगी, ताकि टीम इंडिया 2007 का कारनामा दोहरा सके और ऑस्ट्रेलिया से विश्व विजेता बनकर लौट सके.
तो आइए जानते हैं सीधे मैदान में न उतर कर मैदान में खेलने वाली टीम के लिए काम करने वाले 16 मददगार कौन हैं और पर्दे के पीछे से इनकी क्या भूमिका होगी....
1. राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid Head Coach)
भारतीय क्रिकेट टीम के मिशन टी20 वर्ल्ड कप 2022 की कमान अपने समय में टीम इंडिया की बल्लेबाजी की दीवार कहे जाने वाले मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के हाथ में है. रवि शास्त्री के कार्यकाल के बाद राहुल द्रविड़ को मुख्य कोच बनाया गया था. तब से लेकर अब तक राहुल द्रविड़ तमाम तरह के प्रयोग कर चुके हैं. अब इनको अपनी पहली बड़ी चुनौती का सामना ICC T20 World Cup 2022 में करना है. ऑस्ट्रेलिया के तेज पिचों पर टीम में पिच के हिसाब से सटीक 11 खिलाड़ियों को चुनने के साथ साथ टीम में हर क्षेत्र में सही संतुलन बनाए रखना इनका प्रमुख काम है. लोग राहुल द्रविड़ की अलग शैली व स्टाइलशीट का परिणाम देखेंगे. हर मैच के पहले व बाद में भरपूर चर्चा और लंबी बैठकों के बाद तय होने वाली उनकी रणनीति की इस विश्वकप में परीक्षा होगी.
2. विक्रम राठौर (Vikram Rathour Batting coach)
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज फिलहाल टीम के मुख्य बल्लेबाजी कोच हैं. विक्रम राठौर इसके पहले चयन समिति में रह चुके हैं. इस बल्लेबाजी कोच को न सिर्फ राहुल द्रविड़ का, बल्कि उन खिलाड़ियों का भी विश्वास हासिल है, जो टीम के साथ जा रहे हैं. विक्रम राठौर की खास बात यह है कि वह सभी खिलाड़ियों के साथ बहुत शालीन व्यवहार करते हैं, जिससे सारे खिलाड़ी आसानी से उनके साथ खुल जाते हैं. पूर्व सलामी बल्लेबाज अभ्यास सत्र में बल्लेबाजी कार्यक्रम की योजना बनाने के साथ साथ वीडियो विश्लेषक की मदद से हर एक बल्लेबाज की खामियों को ठीक कराने की जिम्मा संभालेंगे, ताकि हर बल्लेबाज को उसकी कमी को दूर कराने का मौका मिल सके.
3. पारस लक्ष्मीकांत म्हाम्ब्रे (Paras Mhambrey Bowling coach)
भारतीय टीम के लिए 2 टेस्ट व 3 एकदिवसीय मैच खेल चुके इस मुंबइया तेज गेंदबाज को भारतीय टीम का बॉलिंग कोच बनाया गया है. टीम इंडिया के गेंदबाजी का कोच बनने के पहले वह 2016 से अंडर-19 खेलने वाली भारतीय टीम के खिलाड़ियों को कोचिंग देने का काम करते थे. वह राहुल द्रविड़ के भरोसेमंद व सहयोगियों में गिने जाते हैं. द्रविड़ के साथ भारत के लिए अंडर-19 अंडर और इंडिया ए के साथ अच्छा काम करने का इनाम देते हुए राहुल द्रविड़ ने उनको अपने साथ जोड़ा और टीम इंडिया का हेड कोच बनने के बाद सीनियर भारतीय टीम के लिए वह गेंदबाजी कोच बनकर आए. पारस म्हाम्ब्रे की शांत स्वभाव का गेंदबाजी कोच माना जाता है, जो अपनी योजना थोपने के बजाय खिलाड़ियों को उनके मन के हिसाब से अच्छी परफॉर्मेंस के लिए प्रेरित करते हैं.
4. अरुण कनाडे (Arun Kanade Masseuse)
अरुण कनाडे आईपीएल खेलने वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) के साथ अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद पिछले 5 सालों से टीम इंडिया के साथ जुड़े हुए हैं. मुंबई के रहने वाले कनाडे का विराट कोहली और अन्य वरिष्ठ खिलाड़ियों के साथ बहुत अच्छा संबंध है. उनका मुख्य कार्य खिलाड़ियों की फिटनेस सुनिश्चित करने के साथ साथ गेंदबाजों को खेलने लायक बनाए रखना है. वह हर एक गेंदबाज पर पैनी नजर रखने के साथ साथ उनकी हर छोटी मोटी समस्या को दूर करने की कोशिश करेंगे ताकि हल्की फुल्की मांसपेशियों वाली समस्या से उनका खेल प्रभावित न हो.
5. हरि मोहन (Hari Mohan Team video analyst)
राहुल द्रविड़ के कोच बनने के बाद से हरि मोहन भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा हैं. भारतीय टीम के कोचों को डेटा प्रदान करने के साथ साथ प्रतिद्वंद्वी टीमों की कमजोरियों और ताकत का आंकड़ा देना होता है. उनकी भूमिका प्रत्येक मैच के पहले काफी महत्वपूर्ण होती है. वह अपनी टीम के खिलाड़ियों के साथ साथ विरोधी टीम के हर मजबूत व पहलू की जानकारी देकर मैच की रणनीति बनाने में मदद करते हैं. वह मैच के साथ साथ बीच वाले दिनों में काफी व्यस्त होते हैं और पुराने वीडियो को देखकर टीम को जानकारी प्रदान करते हैं.
6. टी दिलीप (T Dilip Fielding coach)
राहुल द्रविड़ के मुख्य कोच का पदभार संभालने के बाद 39 वर्षीय टी दिलीप को टीम इंडिया का मुख्य फील्डिंग कोच बनाया गया है. इसके पहले वह बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के साथ जुड़े थे. उनके पास प्रथम श्रेणी क्रिकेट का अनुभव भले नहीं है, लेकिन वह लेवल- III के कोच हैं. इन्होंने हैदराबाद के लिए रणजी मैचों के साथ साथ और श्रीलंका में भारत ए के साथ किए गए अच्छे काम की बदौलत पदोन्नति पायी और जब द्रविड़ मुख्य कोच बने तो उन्होंने दिलीप को सपोर्ट स्टाफ में शामिल किया.
7. दयानंद गरानी (Dayanand Garani Throw down professional)
दयानंद गरानी एक थ्रोडाउन प्रोफेशनल हैं. इन्होंने 2020 में KXIP के साथ थ्रोडाउन विशेषज्ञ के रूप में शुरुआत की थी. बाद में वह टीम इंडिया के साथ जुड़ गए हैं. टीम इंडिया के थ्रोडाउन प्रोफेशनल रघु के कोविड संक्रमण से ग्रसित होने के बाद दयानंद गरानी को ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरने का मौका मिल गया. कोलकाता पुलिस में एक सिविल वालंटीयर के रुप में काम करने के पहले वह मध्यम गति का तेज गेंदबाज था. इसके बाद उसने थ्रो-डाउन कोर्स किया और आंध्र प्रदेश की रणजी टीम के साथ अच्छा काम किया. दयानंद पूर्वी मिदनापुर जिले के सुदूर जमातिया गांव का रहने वाला है, लेकिन अपनी मेहनत व लगन से टीम इंडिया के साथ जुड़कर काम कर रहा है.
8. डॉ. चार्ल्स मिंज (Dr. Charles Minz Team Doctor)
टीम इंडिया के साथ पुणे का एक सामान्य चिकित्सक भी ऑस्ट्रेलिया जा रहा है. डॉ. चार्ल्स मिंज आईपीएल में पुणे सुपर जायंट्स, प्रो कबड्डी लीग में पुनेरी पलटन और इंडियन सुपर लीग में पुणे एफसी जैसी टीमों के साथ सलाहकार के रूप में काम कर चुके हैं. 2020 में उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) द्वारा अपने साथ जोड़ा गया था. वहां पर उनका सबसे बड़ा काम आईपीएल के दौरान बायो-बबल को बनाए रखना था, ताकि खिलाड़ियों को कोरोना व अन्य संक्रमण से बचाए रखा जा सके.