नई दिल्ली:भारत में अक्टूबर-नवंबर में प्रस्तावित टी20 विश्व कप का आयोजन यूएई और ओमान में करने की तैयारी हो रही है क्योंकि देश में कोविड-19 की मुश्किल स्थिति के कारण भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने आंतरिक रूप से ICC (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) को इसकी तैयारी शुरू करने की सूचना दे दी है.
इस टूर्नामेंट के लिए यूएई हमेशा पहला विकल्प था, अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू होने विश्व कप के लिए अबु धाबी, दुबई और शारजाह के साथ ओमान की राजधानी मस्कट को चौथे स्थल के रूप में जोड़ा गया है.
ICC बोर्ड में इस घटनाक्रम से अवगत BCCI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई को बताया, "हां, बीसीसीआई ने आईसीसी बोर्ड की बैठक के दौरान औपचारिक रूप से अंतिम निर्णय लेने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है, लेकिन आंतरिक रूप से उन्होंने कहा है कि वे मेजबानी के अधिकार रखना चाहेंगे और टूर्नामेंट के संयुक्त अरब अमीरात तथा ओमान में आयोजन पर कोई आपत्ति नहीं होगी."
उन्होंने कहा कि 16-टीम की प्रतियोगिता के प्रारंभिक दौर के मैचों के लिए मस्कट को विशेष रूप से मेजबान के तौर पर रखा गया है. इससे आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के 31 मैचों की मेजबानी करने वाले यूएई के तीन मैदानों को तरोताजा होने के लिए पर्याप्त समय मिल सकेगा.
उन्होंने कहा, "अगर आईपीएल 10 अक्टूबर तक खत्म हो जाता है तो यूएई में टी20 विश्व कप के मैचों को नवंबर में शुरू किया जा सकता है. इससे वैश्विक प्रतियोगिता के लिए पिचों को तैयार करने के लिए तीन सप्ताह का समय मिलेगा. इसबीच, पहले सप्ताह के मुकाबले ओमान में खेले जा सकते है."
ICC बोर्ड के अधिकांश सदस्यों का मानना है कि भारत समय काटने की कोशिश कर रहा है क्योंकि अक्टूबर - नवंबर में परिस्थितियां कैसी होगी इसका अंदाजा लगाना काफी मुश्किल है. उन्होंने कहा, "अगर आप व्यावहारिक रूप से इसके बारे में सोचते हैं तो भारत अब कोविड-19 संक्रमण के 1,20,000 से अधिक मामलों रोजाना आ रहे हैं जो कि अप्रैल के अंत और इस महीने की शुरुआत में आने वाले मामलों के मुकाबले में एक तिहाई के करीब है."
इस अनुभवी अधिकारी ने कहा, "आप 28 जून को टी20 विश्व कप की मेजबानी के लिए कैसे हां कह सकते है, अगर तीसरी लहर आती है तो आप अक्टूबर के बारे में अभी से स्वास्थ्य स्थिति के बारे में कैसे सोच सकते है."
इस मामले में दूसरा सवाल यह है कि अगर बीसीसीआई भारत में सितंबर में आठ टीमों के आईपीएल को फिर से शुरू करने में झिझक रहा है , तो वह एक महीने के भीतर देश में 16 टीमों की मेजबानी कैसे कर सकता है.
उन्होंने कहा, "बीसीसीआई में हर कोई जानता है कि कोविड-19 पर मानसून का कोई असर नहीं होगा. इस टूर्नामेंट पर 2500 करोड़ रूपये के राजस्व का दांव लगा होगा."
इस टूर्नामेंट से जुड़े हुए आईसीसी के एसोसिएट देश के एक अधिकारी ने कहा, "ये 16 देशों का टूर्नामेंट है और अगर किसी एक टीम के बबल (जैव-सुरक्षित) में कई मामले (कोविड-19) आ गए तो तो यह आईपीएल की तरह नहीं होगा. टीमों के पास 14-15 खिलाड़ियों के बाहर चयन का विकल्प नहीं होगा. इसमें और भी कई मसले है."
एक और बड़ा सवाल यह है कि अगर स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ तो कितने विदेशी खिलाड़ी भारत आने का जोखिम लेना चाहेंगे. उन्होंने कहा, "वो आईपीएल खेलने के लिए यूएई आयेंगे और वहीं पर टी20 विश्व कप में खेलने के लिए भी तैयार होंगे."