हैदराबाद: साल 2020 महिलाओं के खेल का साल माना जाता रहा था लेकिन तब COVID-19 महामारी ने अपने पैर पसारे जिसके बाद समीकरण एकदम उल्टे पड़ गए.
लगभग एक रिकॉर्ड तोड़ भीड़ के सामने महिला टी 20 विश्व कप फाइनल खेलने के बाद किसने सोचा होगा कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम को फिर से प्रोफेशनल क्रिकेट खेलने के लिए 8 महीने का इंतजार करना पड़ेगा.
भारत की एकदिवसीय कप्तान मिताली राज के शब्दों में समझे तो, "कोरोनोवायरस महामारी ने महिलाओं के क्रिकेट के विकास को नुकसान पहुंचाया है और इसे कुछ वर्षों तक पीछे धकेल दिया है."
इससे पहले मेंस क्रिकेट को पटरी पर लाना दुनिया के अधिकांश क्रिकेट बोर्ड्स की सबसे बड़ी चिंता थी.
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वहीं दूसरी ओर ऐसे समय में महिला क्रिकेट में कुछ खास नहीं हो रहा है. कई पूर्व क्रिकेटरों के अनुसार, भारत की महिला टी 20 चैलेंज और ऑस्ट्रेलिया में बिग बैश लीग का क्लैश महिला क्रिकेट को प्रभावित कर सकता है.
इस बारे में ईटीवी भारत ने इंग्लैंड के पूर्व कोच मार्क रॉबिन्सन से बातचीत की.
महिलाओं के मिनी IPL और WBBL के बीच डेट क्लैश को लेकर पूछे जाने पर रॉबिन्सन, जिन्होंने 2017 में इंग्लैंड महिला टीम को विश्व कप का गौरव हासिल करने के लिए निर्देशित किया था, उन्होंने कहा, "ये खेल के लिए सही नहीं है. ये एक आदर्श समय या स्थिति भी नहीं है."
रॉबिन्सन ने आगे कहा कि महिला टी 20 चैलेंजर्स की तारीखों पर निर्णय लेने से पहले भारतीय क्रिकेट बोर्ड को शारजाह और दुबई में सभी लॉजिस्टिक मुद्दों और बुनियादी ढांचे के बारे में सोचना होगा जहां ये लीग खेली जाने वाली है.
रॉबिन्सन ने आगे कहा कि इन सभी मुद्दों के कारण पुरुषों की इंडियन प्रीमियर लीग के अंत में महिला आईपीएल को आयोजित करना सबसे सरल और आसान तरीका था.