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गांगुली और शाह को कोर्ट से झटका, इस याचिका पर सुनवाई स्थगित

भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा सौरव गांगुली और जय शाह के कार्यकाल को क्रमशः बोर्ड अध्यक्ष और सचिव के रूप में बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी है. भारत के पूर्व कप्तान ने अक्टूबर 2019 में BCCI प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला था.

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Published : Jul 20, 2022, 4:20 PM IST

Updated : Jul 20, 2022, 4:42 PM IST

SC hearing on BCCI Plea  सौरव गांगुली  जय शाह  BCCI  भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड  कूलिंग-ऑफ पीरियड  सुप्रीम कोर्ट  Supreme Court  Sourav Ganguly  Jay Shah  Cooling Off Period
SC hearing on BCCI Plea सौरव गांगुली जय शाह BCCI भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड कूलिंग-ऑफ पीरियड सुप्रीम कोर्ट Supreme Court Sourav Ganguly Jay Shah Cooling Off Period

नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें बीसीसीआई ने अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह सहित अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में संविधान में संशोधन का आग्रह किया था. प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मामले को गुरुवार के लिए स्थगित कर दिया, क्योंकि बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी.

बिहार क्रिकेट संघ की ओर से पेश वकील ने कहा कि पदाधिकारी अपने कार्यकाल को जारी रखे हुए हैं, जबकि तकनीकी रूप से उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है. पीठ ने कहा, कल, एक दिन में कुछ नहीं होगा. जल्दी क्या है? भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी इस मामले में खुद को पक्ष बनाने की स्वीकृति लेने के लिए पेश हुए. इससे पहले पीठ बीसीसीआई की याचिका पर आपात सुनवाई के लिए राजी हो गई. बीसीसीआई अपने पदाधिकारियों के कार्यकाल के संबंध में अपने संविधान को संशोधित करने की स्वीकृति मांग रहा है.

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बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने कहा कि उनका आवेदन दो साल पहले दायर किया गया था और दो हफ्ते बाद अदालत ने इस मामले को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था. पटवालिया ने कहा, लेकिन इसके बाद कोविड (महामारी) आ गया और मामले को सूचीबद्ध नहीं किया जा सका. कृपया इस मामले को आपात सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कीजिए, क्योंकि दो साल से संविधान में संशोधन का इंतजार किया जा रहा है. पटवालिया ने कहा कि न्यायालय के पूर्व के आदेश में कहा गया था कि संविधान में संशोधन न्यायालय की स्वीकृति के बाद ही किया जा सकता है.

इससे पहले न्यायमूर्ति आरएम लोढा की अगुआई वाली समिति ने बीसीसीआई में सुधारवादी कदम उठाने की सिफारिश की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार किया था. सिफारिशों के अनुसार, राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई के स्तर पर छह साल के कार्यकाल के बाद पदाधिकारियों को तीन साल के ब्रेक से गुजरना होगा. बीसीसीआई ने अपने प्रस्तावित संशोधन में अपने पदाधिकारियों के लिए ब्रेक के समय को खत्म करने की स्वीकृति देने की मांग की है, जिससे कि बीसीसीआई अध्यक्ष गांगुली और सचिव शाह संबंधित राज्य क्रिकेट संघों में छह साल पूरे करने के बावजूद अपने पदों पर बने रह पाएंगे.

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उच्चतम न्यायालय द्वारा स्वीकृत बीसीसीआई के संविधान के अनुसार अगर कोई पदाधिकारी राज्य क्रिकेट संघ या बीसीसीआई में तीन साल के लगातार दो कार्यकाल पूरे करता है तो उसे तीन साल का अनिवार्य ब्रेक लेना होगा. गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ जबकि शाह गुजरात क्रिकेट संघ में पदाधिकारी थे.

Last Updated : Jul 20, 2022, 4:42 PM IST

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