पालेकल:कप्तान हरमनप्रीत कौर और पूजा वस्त्राकर के हरफनमौला प्रदर्शन के बूते भारतीय महिला टीम ने गुरुवार को तीसरे और अंतिम वनडे में श्रीलंका पर 39 रन की जीत से सीरीज में सूपड़ा साफ किया.
हरमनप्रीत (88 गेंद में 75 रन, पांच ओवर में 21 रन देकर एक विकेट) और वस्त्राकर (65 गेंद में नाबाद 56 रन, 32 रन देकर दो विकेट) ने पहले सातवें विकेट के लिए 97 रन की साझेदारी निभाकर टीम को संभाला और नौ विकेट पर 255 रन का स्कोर खड़ा करने में मदद की. गेंदबाजों ने फिर रणनीति का बेहतर ढंग से कार्यान्वयन करते हुए मेजबान टीम को 47.3 ओवर में 216 रन पर समेट दिया. इसमें हरमनप्रीत और वस्त्राकर दोनों ने अहम झटके दिए.
इस सीरीज में जीत से भारतीय महिला टीम ने श्रीलंका के खिलाफ लगातार चौथी द्विपक्षीय सीरीज अपने नाम की. महिला टीम ने इससे पहले साल 2013, 2015 और 2018 में भी वनडे सीरीज जीती थी. पहले ही सीरीज में अजेय बढ़त बना चुकी हरमनप्रीत की टीम अंतिम मैच में आत्मविश्वास से लबरेज दिखी, जिसकी श्रीलंकाई टीम में शुरू से ही कमी दिखाई दी.
श्रीलंका टीम की कप्तान चामरी अटापट्टू ने ऐसी पिच पर टॉस जीतकर बल्लेबाजी का न्योता दिया, जो पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम को फायदा पहुंचाने के लिए मशहूर है. दूसरे वनडे में शानदार प्रदर्शन करने वाली सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा और स्मृति मंधाना हालांकि बड़ी साझेदारी करने में विफल रहीं. मंधाना (20 गेंद में छह रन) आउट होने वाली पहली खिलाड़ी रहीं, जो कविशा दिलहारी की लेंथ गेंद का शिकार हुईं.
शेफाली ने 50 गेंद में 49 रन बनाकर अपनी अच्छी फॉर्म जारी रखी. वह लगातार दूसरे अर्धशतक से चूक गईं और रश्मि सिल्वा की गेंद पर पगबाधा आउट हुईं. शेफाली तीन मैचों में 155 रन बनाकर सीरीज की शीर्ष स्कोरर रहीं. अहम मौके पर शेफाली के आउट होने के बाद भारत का मध्यक्रम चरमरा गया, जिससे टीम का स्कोर छह विकेट पर 124 रन हो गया. हरमनप्रीत ने जिम्मेदारी से खेलते हुए श्रीलंकाई गेंदबाजों की शार्ट गेंदों को बेहतर तरीके से निपटा. उन्होंने सात चौके और दो गगनचुंबी छक्के जमाए. उनकी ज्यादातर बाउंड्री मिडविकेट पर लगी.