लंदन:भारत, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज अपने नाम कर सकता है. दक्षिण अफ्रीकी जमीन पर ऐसा कारनामा भारत ने पहले कभी नहीं किया है. लेकिन भारत को चार तेज गेंदबाजों को मौका देने के बारे में नहीं सोचना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी बल्लेबाजी कमजोर हो सकती है.
संक्षेप में कहें तो ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने और चौथे तेज गेंदबाज के रूप में प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाना चाहिए. जनवरी में ब्रिस्बेन में अपने टेस्ट डेब्यू में ठाकुर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया था. रविचंद्रन अश्विन शायद आज दुनिया के सबसे प्रभावशाली स्पिन गेंदबाज हैं. इंग्लैंड में उन्हें नजरअंदाज करना गलती थी. हालांकि, यहां पहले टेस्ट में सेंचुरियन की पिच स्पिन गेंदबाजों की मदद नहीं करेगी. यहां अच्छा उछाल देखने को मिल सकता है.
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दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट इंग्लैंड के ड्यूक की बजाय ऑस्ट्रेलियाई कूकाबुरा गेंद से खेला जाता है. इसका मतलब यह है कि तेज गेंदबाजों को थोड़ा अधिक लाभ मिल सकता है. क्योंकि इस गेंद में ज्यादा स्विंग और गति देखने को मिलेगी. यह मेजबानों के ऊपर है कि वे किस प्रकार की तेज विकेट को चुनते हैं? ये निश्चित रूप से कगिसो रबाडा के नेतृत्व वाले पेस अटैक में मदद करेगा. यह विकेट जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और इशांत शर्मा जैसे भारतीय तेज गेंदबाजों की भी सहायता करेगा.
वहीं, दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका को एनरिक नॉर्टजे की कमी खलेगी, जबकि लुंगी एनगिडी लंबे अंतराल के बाद वापसी करेंगे. दक्षिण अफ्रीका के तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में डुआने ओलिवियर, युवा सीमर मार्को जेनसेन, अधिक अनुभवी बेउरन हेंड्रिक्स, ग्लेनटन स्टुरमैन या सिसांडा मगला में से चुने जाने की संभावना है. पहले दो खिलाड़ी वास्तव में ज्यादा दावेदार हैं.
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