नई दिल्ली :ऑस्ट्रेलियाई टीम इन दिनों वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रही है लेकिन इसके बीच एक विवाद है जो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में भूचाल मचाए हुए है. डेविड वार्नर (David Warner) ने बॉल टैम्परिंग (Ball Tampering) मामले के बाद अपने ऊपर लगे कप्तानी के बैन को हटाने के लिए पिछले महीने आवेदन दिया था, लेकिन बुधवार को उन्होंने उसे वापस ले लिया.
वार्नर ने एक लंबे बयान में बोर्ड पर कई तरह के आरोप लगाए थे, लेकिन अब चीजें काफी आगे बढ़ती दिख रही हैं. इसी बीच ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीम के पूर्व कप्तान वार्नर ने अपने मैनेजर जेम्स एर्सकिन (James Erskine) के जरिए एक सनसनीखेज खुलासा किया है. एर्सकिन ने एक इंटरव्यू में दावा किया है कि 6 साल पहले साउथ अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन टेस्ट मैच के दौरान बॉल टैम्परिंग का वाकया क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों के दबाव के कारण हुआ था. इसमें खिलाड़ियों की ज्यादा गलती नहीं है. इस दावे के बाद क्रिकेट जगत में भूचाल मचा हुआ है.
उन्होंने बताया कि साल 2016 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ ऑस्ट्रेलियाई टीम 85 पर ऑलआउट हो गई थी और पारी के अंतर से मैच हारी थी. इस मैच के दौरान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड के दो अधिकारी ड्रेसिंग रूम में आए थे और टीम से बॉल टेम्परिंग कर बॉल रिवर्स स्विंग कराने की सलाह दी थी, ताकि मैच जीत सकें.
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यह घटना टीवी कैमरे पर कैप्चर हो गई और बाद में इस मामले में आरोपी खिलाड़ियों पर बैन लगा. तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर पर 1-1 साल का बैन लगाया गया. गेंद को सैंड पेपर से खराब करने वाले कैमरून बेनक्रॉफ्ट को 6 महीने की सजा सुनाई गई. इसके अलावा वार्नर पर लाइफटाइम लीडरशिप बैन लगा दिया गया. यानी वार्नर भविष्य में टीम की कप्तानी नहीं कर सकते थे.
इतना ही नहीं एर्सकिन ने दावा किया कि जब बॉल टेंपरिंग का यह पूरा विवाद चल रहा था, उस वक्त वार्नर का परिवार काफी डिस्टर्ब था. वार्नर की पत्नी कैंडिस ने इस दौरान एक बच्चा भी खो दिया था, जो परिवार के लिए एक बड़ा झटका था.
नाराज वार्नर ने टीम की कप्तानी करने पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटाने को लेकर अपनी याचिका बुधवार को वापस लेते हुए कहा कि वह क्रिकेट की गंदगी को साफ करने के लिए अपने परिवार को वाशिंग मशीन बनाने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने साथ ही स्वतंत्र समीक्षा पैनल पर भी सवाल उठाए.
वार्नर ने सोशल मीडिया पर लिखा इमोशनल पोस्ट
वार्नर को 2018 में केपटाउन टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण में उनकी भूमिका के लिए टीम की कप्तानी करने से आजीवन प्रतिबंधित किया गया था. पिछले महीने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के अपनी आचार संहिता में बदलाव करने के बाद उन्होंने इस उम्मीद में समीक्षा आवेदन दिया था कि इससे उनके नाम पर कप्तानी के लिए एक बार फिर विचार किया जा सकेगा.
इस 36 साल के क्रिकेटर ने अब कप्तानी की महत्वाकांक्षा छोड़ दी है और ‘अपमानजनक’ टिप्पणियों के लिए सीए के पैनल को लताड़ लगाने के साथ पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए. वार्नर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए बयान में कहा, मेरे और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के विरोध के बावजूद पिछले हफ्ते मंगलवार को समीक्षा पैनल और समीक्षा पैनल की सहायता करने वाले वकील ने मेरे आवेदन के निर्धारण के लिए एक अनियमित प्रक्रिया (अनुमानों और पिछले मानदंड को पलटते हुए) अपनाई और एक उपन्यास जैसा दृष्टिकोण स्थापित किया जिसका मेरे परिवार के स्वास्थ्य और कल्याण तथा ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
उन्होंने लिखा, सहायता कर रहे वकील ने अपने जवाब में मेरे बारे में आपत्तिजनक और अनुपयोगी टिप्पणियां कीं जिनका आचार संहिता के तहत कोई ठोस उद्देश्य नहीं था. वार्नर ने लिखा, अफसोस की बात है कि समीक्षा पैनल ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और मेरे वकील के जवाब के विपरीत काम किया और ऐसा लगा कि वे सहायता करने वाले वकील की स्थिति को पूरी तरह से स्वीकार करने को तैयार हैं.
वॉर्नर ने महसूस किया कि पैनल इस मामले को सार्वजनिक तौर पर उछालना चाहता है और वह एक बार फिर उन हालात से गुजरने को तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा, वास्तव में सहायता करने वाला वकील और ऐसा महसूस हुआ कि कुछ हद तक समीक्षा पैनल मेरा और न्यूलैंड्स में तीसरे टेस्ट के दौरान जो हुआ उसका सार्वजनिक ट्रायल करना चाहते हैं. मैं अपने परिवार को क्रिकेट की गंदगी साफ करने की वाशिंग मशीन बनाने के लिए तैयार नहीं हूं. …कुछ चीजें क्रिकेट से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.
2018 में हुई थी बॉल टैम्परिंग
2018 में साउथ अफीका दौरे पर गई ऑस्ट्रेलियाई टीम पर गक्बेरहा में खेले गए टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में बॉल से छेड़-छाड़ के आरोप लगे थे. इस मुकाबले में कैमरून बेनक्रॉफ्ट सैंडपेपर से बॉल को घिसते देखे गए थे, ताकि बॉल खुरदरी हो जाए और रिवर्स स्विंग ज्यादा मिले. बाद में तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ, उप कप्तान डेविड वार्नर और बेनक्रॉफ्ट पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने प्रतिबंध लगा दिया था. तब कहा गया कि वार्नर इसके मास्टरप्लानर थे और कप्तान स्मिथ को इसकी जानकारी थी.