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WFI Controversy: सरकार की ओवरसाइट कमेटी पर विवाद, खिलाड़ियों से नहीं ली गई थी राय - विनेश फोगाट

डब्ल्यूएफआई विवाद में पहलवान साक्षी मलिक ने ट्वीट किया कि समिति के गठन पर हमसे सलाह नहीं ली गई. इस ट्वीट के बाद एक बार फिर विवाद नये मोड़ के साथ सुर्खियों में आ गया है. खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को मुक्केबाज एमसी मेरीकॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय निगरानी समिति के गठन की घोषणा की है.

wfi controversy
डब्ल्यूएफआई विवाद

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Published : Jan 24, 2023, 6:11 PM IST

नई दिल्लीःपहलवानों और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के बीच चल रहे झगड़े ने एक नया मोड़ ले लिया है. यौन शोषण के आरोप लगाने वाले रेसलर्स ने अब केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओर से बनाई गई ओवरसाइट कमेटी पर सवाल उठाए हैं. रेसलर विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक तीनों ने मंगलवार को एक ट्वीट कर अपनी आपत्ति जताई. उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'हमें आश्वासन दिया गया था कि ओवरसाइट कमेटी के गठन से पहले हमसे परामर्श किया जाएगा. बड़े दुख की बात है कि इस कमेटी के गठन से पहले हमसे राय भी नहीं ली गई'.

तीनों ही रेसलर्स ने अपने अपने ट्वीट को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को टैग किया है. वहीं, बृजभूषण शरण पर महिला पहलवानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाने वाली विनेश ने और भी ट्वीट किए. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि, 'सच्चाई परेशान हो सकती है, लेकिन पराजित नहीं.' इसके कुछ देर बाद विनेश ने एक और ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 'अगर मंजिल बड़ी है तो हौसला बुलंद रखिए.' विनेश का ट्वीट उस रिपोर्ट के एक दिन बाद आया है जिसमें दावा किया गया था कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख द्वारा साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया सहित कई पहलवानों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.

हालांकि, शरण सिंह ने एक ट्वीट में स्पष्ट किया कि 'दिल्ली सरकार, विरोध करने वाले पहलवानों और समाचार चैनलों के खिलाफ मेरे या मेरे साथ जुड़े किसी भी अधिकृत व्यक्ति द्वारा कोई याचिका प्रस्तुत नहीं की गई है. मैंने किसी वकील, कानून एजेंसी या अन्य किसी को अधिकृत नहीं किया है.' बता दें कि पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और कई अन्य पहलवानों ने 18 जनवरी को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई पर अपने कोचों और अध्यक्ष द्वारा पहलवानों के उत्पीड़न के रूप में चयन में मनमानी, कुप्रबंधन, कुशासन और पूर्वाग्रह का आरोप लगाया है.

20 जनवरी को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ लंबी बैठक करने और सरकार से उनकी शिकायतों के समाधान का आश्वासन मिलने के बाद नाराज पहलवानों ने अपना धरना समाप्त कर दिया. मंत्रालय ने महासंघ की सभी चल रही गतिविधियों को निलंबित कर दिया है और दिन-प्रतिदिन के कामकाज को संभालने के लिए एक निगरानी समिति नियुक्त की है. समिति डब्ल्यूएफआई प्रमुख शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करेगी. डब्ल्यूएफआई प्रमुख भी जांच पूरी होने तक पद से हटे रहेंगे.

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