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Published : Apr 23, 2023, 5:04 AM IST

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Sachin@50 :..जब हारने के लिए खेलने लगे थे मैच, नहीं जीतना चाहते थे सेमीफाइनल

सचिन तेंदुलकर के करियर में कई उतार चढ़ाव आए लेकिन वह जीत की आस नहीं छोड़े थे, लेकिन एक मैच उनके जीवन में ऐसा भी था, जिसे वह जीतना नहीं चाहते थे..लेकिन फिर भी उसे जीतने के लिए खेलना पड़ा.

Sachin Tendulkar on his brother Ajith on 50th birthday
सचिन तेंदुलकर

मुंबई : सचिन तेंदुलकर के करियर में उनके परिवार के एक सदस्य का अहम रोल रहा जो खुद भी बहुत अच्छा क्रिकेटर बन सकता था, लेकिन उसने अपना कैरियर सचिन तेंदुलकर के लिए बलिदान कर दिया. उसके बारे में खुद सचिन तेंदुलकर अपनी अलग तरीके की राय रखते हैं और अपने करियर में उसके अहम योगदान को हमेशा याद करते हैं. सचिन ने बांद्रा उपनगर में एमआईजी क्रिकेट क्लब में अपने नाम के पवेलियन के उद्घाटन के दौरान मैच हारने का एक किस्सा सुनाया था और बताया था कि उनके बड़े भाई ने उनके लिए क्या किया था.

जब सचिन तेंदुलकर से एक फैन ने उनके बड़े भाई की तस्वीर साझा करके एक सवाल पूछा तो उन्होंने बहुत इमोशनल तरीके से उसका जवाब दिया. सचिन तेंदुलकर ने अपने टि्वटर हैंडल पर अपने बड़े भाई अजीत के बारे में सवाल का जवाब देते हुए लिखा कि.. नो वर्ड्स ऑर एनफ टू डिस्क्राइब हिज इंपॉर्टेंस ऑफ माय लाइफ अर्थात् मेरे जीवन में उनके महत्व को दर्शाने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है...

सचिन तेंदुलकर के द्वारा दिए गए इस रिएक्शन पर कई लोगों ने तस्वीरें शेयर करके अलग-अलग तरह से रिएक्शन दिया है.

आपको बता देंगे सचिन तेंदुलकर के बड़े भाई अजीत खुद क्रिकेट खेला करते थे, लेकिन जब उन्होंने सचिन की प्रतिभा को देखा तो उन्होंने उसे आगे बढ़ाने का फैसला किया.

सचिन तेंदुलकर अपने बड़े भाई के साथ

यही मैच नहीं जीतना चाहते थे सचिन
सचिन तेंदुलकर ने भी अपने बड़े भाई के द्वारा किए गए त्याग को एक दूसरे के खिलाफ खेले गए एक क्रिकेट मैच को याद किया और कहा कि बंगाल क्रिकेट क्लब के द्वारा आयोजित सिंगल विकेट मैच में एक-दूसरे के खिलाफ खेला था. सेमीफाइनल मैच में दोनों की टीमों का आमना सामना हुआ, लेकिन दोनों एक दूसरे से जीतना नहीं चाहते थे. इसीलिए जब सचिन ने बल्लेबाजी करना शुरू की तो अजीत जानबूझकर नो और वाइड बॉल डाल रहे थे. इस दौरान सचिन खुद आक्रामक शॉट लगाने के बजाय रक्षात्मक क्रिकेट खेल रहे थे.

सचिन तेंदुलकर अपने बड़े भाई के साथ

सचिन ने कहा कि मेरी ऐसी हरकत पर अजित ने इशारा किया और कायदे से बल्लेबाजी करने के लिए कहा. इसके बाद मेरे को अपने बड़े भाई की बात माननी पड़ी और यह मैच जीता लिया. उसके बाद मेरी टीम मैच जीतकर फाइनल में पहुंच गयी थी.

सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर का ये खास किस्सा बांद्रा उपनगर में एमआईजी क्रिकेट क्लब में अपने नाम के पवेलियन के उद्घाटन के दौरान सुनाया था.

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