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दिग्गज खिलाड़ी का बड़ा खुलासा, IPL में जीरो पर आउट होने पर टीम मालिक ने जड़ा थप्पड़!

टेलर 2008 से 2010 तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम के सदस्य थे. 2011 में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें खरीदा था. इसके बाद टेलर दिल्ली डेयरडेविल्स में चले गए.

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Ross Taylor

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Published : Aug 14, 2022, 5:02 PM IST

नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के पूर्व बल्लेबाज रॉस टेलर (Ross Taylor) ने एक चौकाने वाला खुलासा किया कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 2011 सत्र के दौरान राजस्थान रॉयल्स फ्रेंचाइजी के मालिकों में से एक ने उन्हें ‘थप्पड़’ लगाया था. इस पूर्व कप्तान ने कहा कि मोहाली में किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) के खिलाफ मैच के दौरान शून्य पर आउट होने के बाद फ्रेंचाइजी के एक मालिक ने उन्हें थप्पड़ मारा था. टेलर ने अपनी नई आत्मकथा, ‘रॉस टेलर: ब्लैक एंड व्हाइट’ में यह रहस्योद्घाटन किया.

‘स्टफ डॉट सीओ डॉट एनजेड’ पर छपी खबर के मुताबिक उन्होंने कहा, हम 195 रन के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे और मैं खाता खोले बगैर आउट हो गया था. उन्होंने कहा, मैच के बाद टीम, सहयोगी स्टाफ और प्रबंधन से जुड़े लोग होटल की सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित बार में थे. वॉर्नी (शेन वॉर्न) के साथ वहां लिज हर्ले भी थीं. उन्होंने कहा, राजस्थान रॉयल्स टीम के एक मालिक ने मुझसे कहा कि रॉस, हमने आपको शून्य पर आउट होने के लिए एक मिलियन डॉलर का भुगतान नहीं किया है. उन्होंने इसके बाद तीन या चार बार चेहरे पर थप्पड़ मार दिया. वह हंस रहा था और ये तेज थप्पड़ नहीं थे लेकिन मुझे यकीन नहीं है कि यह पूरी तरह से नाटकीय था.

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टेलर ने कहा, उन परिस्थितियों में मैं इसका मुद्दा नहीं बनाने वाला था, लेकिन मैं कई पेशेवर खेलों के माहौल में इसकी उम्मीद नहीं कर सकता था. 38 साल के टेलर 2008 से 2010 तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए खेले और 2011 में राजस्थान रॉयल्स के साथ थे. उन्होंने इसके बाद दिल्ली कैपिटल्स (दिल्ली डेयरडेविल्स) और तत्कालीन पुणे वॉरियर्स टीम का प्रतिनिधित्व किया था. टेलर ने कहा, जब आपको बड़ी रकम मिलती है तो आप यह साबित करने के लिए बेताब होते हैं कि आप इसके लायक हैं. जो लोग आपको इतनी बड़ी रकम देते है उन्हें भी आप से काफी उम्मीदें होती है. यह पेशेवर खेल में मानव स्वभाव है. टेलर की यह आत्मकथा पिछले दिनों उस समय सुर्खियों में आई थी जब उन्होंने आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व के दौरान उन्हें नस्लवाद का सामना करना पड़ा था.

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