मोहाली: क्रिकेट के पारंपरिक स्वरूप को हमेशा प्राथमिकता देने वाले विराट कोहली जहां अपने 100वें टेस्ट मैच को यादगार बनाने की कोशिश करेंगे वहीं रोहित शर्मा श्रीलंका के खिलाफ शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में बड़ी जीत के साथ भारत के 35वें टेस्ट कप्तान के रूप में अपनी पारी का धमाकेदार आगाज करना चाहेंगे.
भारत ने 1932 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के बाद कई नायक और महानायक पैदा किये हैं जिनकी विशिष्ट उपलब्धियां किवदंती बन गयी, फिर चाहे वह सुनील गावस्कर का 10,000वां रन हो या सचिन तेंदुलकर की भावनात्मक विदाई. अब कोहली पर सभी की निगाह हैं जिनका 100वां टेस्ट चर्चा का विषय बना हुआ है.
कोहली अपने इस 100वें टेस्ट मैच में शतक का इंतजार खत्म करके इसे यादगार बनाने की कोशिश करेंगे. वह पिछले दो साल से भी अधिक समय से तिहरे अंक में नहीं पहुंचे हैं.
सुरंगा लखमल, लाहिरू कुमारा या लेसिथ एम्बुलडेनिया जैसे गेंदबाजों की मौजूदगी वाले श्रीलंकाई आक्रमण को खेलने में कोहली को किसी तरह की परेशानी होगी, ऐसा नहीं लगता. वह निश्चित तौर पर अपने कवर ड्राइव, ऑन ड्राइव, फ्लिक और पुल से अपने प्रशंसकों को रोमांचित करना चाहेंगे.
इस टेस्ट मैच से रोहित की अगुवाई में भारतीय टीम की नयी यात्रा भी शुरू होगी. रोहित की सीमित ओवरों की क्रिकेट विशेषकर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सफलता से सभी वाकिफ हैं जहां वह महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज को चुनौती देते रहे हैं.
लेकिन टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करना पूरी तरह से भिन्न होता है. रोहित अभी 34 साल के हैं और यह तय है कि वह लंबे समय तक यह जिम्मा नहीं संभालेंगे. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि वह भारतीय क्रिकेट में परिवर्तन के इस दौर को कैसे संभालते हैं जिसकी शुरुआत चेतेश्वर पुजारा, अंजिक्य रहाणे और इशांत शर्मा जैसे दिग्गजों को बाहर करने से हुई है.
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रोहित के कप्तानी कौशल पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी क्योंकि टेस्ट मैचों में एक सत्र में मैच का परिदृश्य बदल जाता है. इस तरह की परिस्थितियों में उनके नेतृत्व कौशल की असली परीक्षा होगी. इसमें भी उनकी सबसे पहली परख टीम संयोजन को लेकर होगी. यह देखना दिलचस्प होगा कि पुजारा और रहाणे जैसे बल्लेबाजों की अनुपस्थिति में वह किस तरह के संयोजन के साथ उतरते हैं.