रोहित शर्मा ने केपटाउन की पिच पर उठाए सवाल, आईसीसी मैच रैफरी को निशाना बनाया
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत के बाद भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने केपटाउन की पिच पर उठाए हैं. उन्होंने आईसीसी मैच रैफरी को भी आड़े हाथों लिया है.
केपटाउन : भारत के कप्तान रोहित शर्मा ने न्यूलैंड्स की उछाल भरी पिच पर अब तक के सबसे छोटे टेस्ट मैच में अपनी टीम को जीत दिलाने के बाद आईसीसी मैच रैफरी से भारतीय उपमहाद्वीप के बाहर की पिचों की रेटिंग पर अधिक 'तटस्थ' रुख अपनाने का आग्रह किया.
भारत ने केवल 106.2 ओवर तक चले मैच में दक्षिण अफ्रीका को सात विकेट से हरा दिया और 92 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया जब ऑस्ट्रेलिया ने 1932 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर दक्षिण अफ्रीका को हराया था और यह मैच 109 ओवर से कुछ अधिक समय चला था.
भारतीय कप्तान के दाहिने बाजू पर एक बाउंसर लगने के बाद सूजन आ गई थी और उन्होंने कहा कि वह विदेशों में तीखी पिच के पक्ष में हैं लेकिन केवल तभी जब पहले की दिन के पहले घंटे में पिच से टर्न मिलने पर लोग पाखंडी रवैया नहीं अपनाएं.
रोहित ने पीटीआई के सवाल के जवाब में कहा, 'हम सभी ने देखा कि इस टेस्ट में क्या हुआ और पिच कैसा खेल रही थी. ईमानदारी से कहूं तो मुझे इस तरह की पिचों पर खेलने में कोई आपत्ति नहीं है. जब तक कि हर कोई भारत आने पर अपना मुंह बंद रखेगा'.
उन्होंने कहा, 'हां, यह खतरनाक है, यह चुनौतीपूर्ण है. जब वे भारत आते हैं तो वह भी चुनौतीपूर्ण होता है'.
उनका मानना है कि अब समय आ गया है कि लोग यह समझें कि जहां तक पिचों का सवाल है तो हर देश का अपना चरित्र होता है.
रोहित ने कहा, 'जब आप टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए यहां आते हैं तो आप टेस्ट क्रिकेट को सर्वोच्च पुरस्कार और शिखर के बारे में बात करते हैं और फिर आपको इस पर कायम रहना चाहिए'.
उन्होंने कहा, 'आपको इसका सामना करना चाहिए. भारत में पहले दिन पिच टर्न लेना शुरू करती है और वे 'धूल का गुबार, धूल का गुबार' बोलना शुरू कर देते हैं. यहां भी पिच पर दरार थीं'.
इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज क्रिस ब्रॉड दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए आईसीसी मैच रैफरी थे और रोहित का मानना है कि वैश्विक संस्था के पैनल में शामिल रैफरी को 'तटस्थ' होना चाहिए.
रोहित ने आक्रामक होते हुए कहा, 'तटस्थ रहना महत्वपूर्ण है, विशेषकर मैच रैफरी का. कुछ मैच रैफरी को इस बात पर नजर रखने की जरूरत है कि वे पिचों का मूल्यांकन कैसे करते हैं'.
अहमदाबाद में एकदिवसीय विश्व कप फाइनल के लिए इस्तेमाल की गई पिच के लिए आईसीसी मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट का 'औसत' रेटिंग देना भी रोहित और उनकी टीम को पसंद नहीं आया.
उन्होंने कहा, 'मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि विश्व कप फाइनल की पिच को 'औसत से नीचे' (वास्तव में औसत) रेटिंग दी गई थी. वह खराब पिच कैसे हो सकती है? आईसीसी और रैफरी को इस पर गौर करना शुरू करना होगा. पिचों का इस आधार पर मूल्यांकन करें कि वे इसे कैसे देखते हैं, ना कि देशों (मेजबान) के आधार पर. मैं इस तरह की पिचों के पक्ष में हूं (न्यूलैंड्स की तरह)'.
रोहित ने कहा, 'हमें इस तरह की पिचों पर खेलने पर गर्व है, मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि तटस्थ रहें'.
कुछ चुनिंदा मैच अधिकारियों के प्रति अविश्वास तब स्पष्ट हो गया जब रोहित ने व्यंग्यात्मक ढंग से कहा कि वह पिचों को रेटिंग देने के लिए मैच रैफरी द्वारा उपयोग किए जाने वाले मापदंडों के बारे में जानना पसंद करेंगे.
उन्होंने कहा, 'मैं देखना चाहूंगा कि पिच को कैसे रेटिंग दी गई है. मैं इसे अभी देखना चाहता हूं. मैं चार्ट देखना चाहता हूं कि वे पिचों को कैसे रेटिंग देते हैं. स्पष्ट रूप से मुंबई, बेंगलुरू, केप टाउन, सेंचुरियन, सभी अलग हैं. पिचें तेजी से बिगड़ती हैं, हालात अलग होते हैं'.
रोहित ने पूरी तरह से स्पिन की अनुकूल पिच के आलोचकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'अगर गेंद पहली गेंद से ही सीम करती है तो ठीक है लेकिन अगर गेंद टर्न करने लगती है… अगर गेंद टर्न होने लगती है तो उन्हें यह पसंद नहीं आता. अगर आप चाहते हैं कि गेंद केवल सीम हो और टर्न न हो, तो यह गलत है'.
उन्होंने कहा, 'मैंने अब काफी क्रिकेट देख लिया है. मैंने काफी देखा है कि ये मैच रेफरी इन रेटिंग्स को कैसे देखते हैं, मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है कि वे इसे कैसे देखना चाहते हैं, उन्हें तटस्थ रहना होगा'.