पोर्ट ऑफ स्पेन :डोमिनिका में तीन दिनों में पारी से टेस्ट मैच हारने वाली वेस्टइंडीज ने पोर्ट-ऑफ-स्पेन में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में पहले दिन दूसरे सत्र के खेल में चार विकेट लेकर मैच में वापसी करने की कोशिश की. वहीं भारतीय टीम के लिए विराट कोहली एक बार फिर संकटमोचन बने और रविन्द्र जडेजा के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी की और पहले दिन का खेल खत्म होने तक टीम का स्कोर 4 विकेट खोकर 288 रनों तक ले गए.
इसके पहले कप्तान रोहित शर्मा और यशस्वी जयसवाल ने शतकीय ओपनिंग साझेदारी करके टीम इंडिया को मजबूत शुरुआत देने की कोशिश की, लेकिन शुभमन गिल व उपकप्तान अजिंक्य रहाणे के सस्ते में निपट जाने से टीम दबाव में आती दिखने लगी. लेकिन विराट कोहली ने अपने 500वें अंतरराष्ट्रीय मैच में नाबाद 87 रन की पारी और जडेजा के साथ पांचवें विकेट के लिए 106 रनों की साझेदारी से टीम को संकट से बाहर निकाला.
कोहली फिर बने संकटमोचन
गिल के आउट होने के बाद कोहली जब क्रीज पर आए तो भारत का स्कोर 2 विकेट पर 153 रन था. उनके सामने चाय तक भारत को 4 विकेट खोना पड़ा और स्कोर बोर्ड पर केवल 182 रन थे. लेकिन ऐसी स्थिति में कोहली ने मजबूती और अनुभव का परिचय देकर विकेटों के बीच कड़ी दौड़ लगाई और ढीली गेंदों का इंतजार करके 87 रनों की नाबाद पारी खेली. उनके साथ रविंद्र जडेजा ने भी 36 रन का योगदान दिया है और दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 106 रन की अटूट साझेदारी की है. दोनों आज अपनी पारी को आगे बढ़ाएंगे. कोहली की नजर 500वें मैच में एक और शतक पर होगी तो वहीं जडेजा भी अपनी पारी को लंबी करना चाहेंगे.
तेज खेलने के चक्कर में आउट हो गए यशस्वी
सुबह के सत्र में खेल का दौर अगले दो सत्रों से आसान दिखा. कप्तान रोहित और जयसवाल ने भारत को शानदार शुरुआत देकर एख और शतकीय साझेदारी की. साथ ही लगभग पांच रन प्रति ओवर की गति से रन बनाए. लंच तक भारत 26 ओवर में बिना कोई विकेट खोए 121 रन बना चुका था. सबको उम्मीद थी कि कप्तान रोहित शर्मा और यशस्वी जयसवाल एक और शतकीय पारी खेलेंगे, लेकिन लंच के बाद जयसवाल जेसन होल्डर के शिकार बने. जयसवाल के बल्ले का बाहरी किनारे लेकर गेंद डेब्यूटेंट किर्क मैकेंजी के हाथों में चली गयी. इसी के साथ 74 गेंदों में 57 रनों की पारी का अंत हो गया.