हैदराबाद:क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जहां कोई अच्छा प्रदर्शन दिखा के हीरो बनता है तो कोई खेल भावना दिखा के हीरो बन जाता है. लेकिन इस बार रणजी ट्रॉफी में एक ऐसी घटना देखने को मिली है, जिसने सभी का दिल जीत लिया.
बता दें, रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में बड़ौदा के बल्लेबाज विष्णु सोलंकी की कहानी सुनकर हर कोई हैरान है और विष्णु की हिम्मत को सलाम भी कर रहा है. विष्णु सोलंकी अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. विष्णु ने एक बड़े झटके के बाद मैदान पर शानदार वापसी की.
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रणजी ट्रॉफी में बड़ौदा के लिए खेलने वाले विष्णु ने चंडीगढ़ के खिलाफ शतक जड़ा है. शतक लगाने के बाद हर कोई विष्णु को सलाम कर रहा है. इस खिलाड़ी की नवजात बच्ची खराब सेहत के कारण इस दुनिया को छोड़कर चली गई. बेटी के निधन ने विष्णु को झकझोर दिया था, लेकिन वे अपनी बेटी का अंतिम संस्कार कर मैदान पर उतरे और अपनी टीम के लिए शतक लगा दिया.
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चंडीगढ़ के खिलाफ विष्णु ने 12 चौकों की मदद से 104 रन बनाए. बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन ने उन्हें रियल हीरो बताया है. उनकी इस दिलेरी वाली पारी को देखकर हर कोई सलाम कर रहा है. वहीं, सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी खेल रहे बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन ने ट्वीट कर लिखा, मैं जितने खिलाड़ियों को जानता हूं शायद ही कोई इतना टफ प्लेयर हो. मेरी ओर से विष्णु और उनके परिवार को सलाम. मैं चाहूंगा कि अभी ऐसे और शतक उनके बल्ले से निकलते दिखें.
सचिन-विराट भी इस दौर से गुजरे हैं
ऐसी घटना क्रिकेट में पहले भी हो चूकी है. साल 1999 वर्ल्ड कप के दौरान सचिन तेंदुलकर ने अपने पिता रमेश तेंदुलकर के निधन के तुरंत बाद शतक बनाया था. सचिन ने केन्या के खिलाफ 101 गेंदों पर 140 रन की पारी खेली थी. भारतीय टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली के साथ भी रणजी मैच में कुछ ऐसा ही हुआ था. विराट पिता के निधन के बावजूद मैदान पर बल्लेबाजी करने आए थे और बेहतरीन अर्धशतक लगाते हुए अपनी टीम को हार से बचाया. इसके बाद वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में गए थे.