फैन मेल्स से जानें क्या है राहुल द्रविड होने का अर्थ, यूं ही नहीं लाखों दिलों पर राज करते 'द वॉल'
आज भारतीय क्रिकेट के शांत और लोगों के दिलों पर राज करने वाले क्रिकेटर राहुल द्रविड का जन्मदिन है. राहुल द्रविड के संन्यास के बाद या उनके खेलने के समय के बहुत सारे ओपन लेटर उनको लिखे गए हैं. शायद ही इतने ओपन लेटर किसी क्रिकेटर को लिखे गए हों. द्रविड का अपने जमाने में पूरा क्रेज था. पढ़ें उन लेटर के कुछ अंश......
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड आज अपना 51वां जन्मदिन बना रहे हैं. उनके जन्दमदिन पर बीसीसीआई समेत खेल की तमाम दिग्गज हस्तियों मे ने उनको जन्मदिन पर बधाई दी है. हाल ही में दिसंबर में राहुल द्रविड का कार्यकाल बीसीसीआई ने एक साल के लिए बढ़ा दिया था. 3 नवंबर 2021 को भारतीय टीम के कोच बनने के बाद विराट कोहली अपनी खराब फॉर्म से बाहर आए थे.
राहुल द्रविड के जन्मदिन पर हम उनसे जुडे कुछ किस्से बताने वाले हैं. जब राहुल द्रविड को उनके फैंस के द्वारा ओपन लेटर लिखे गए जब उनको गुस्सा आया. जब वह मैच में दीवार बनकर खड़े हो गए.
जब बेहद भावुक हो गई राहुल की फैन, खुद को रोक नहीं पाई राहुल द्रविड को उनकी एक प्रशंसक ने 6 जनवरी 2021 को पत्र लिखा उसमें वह लिखती हैं कि प्रिय राहुल द्रविड, आपको मुस्कुराते हुए देखे काफी समय हो गया है. हमें वो अभी भी याद है जब आप मध्यक्रम में तेज गेंदबाजी आक्रमण के सामने शक्तिशाली प्रहार करते थे. जब आप ने संन्यास लिया तो ऐसा लगने लगा कि भारतीय मध्यक्रम अब कभी आपके जैसा नहीं हो पाएगा. वह फैन लिखती हैं कि आप एक ऐसे नायक थे जो दोबारा कभी जन्म नहीं लेंगे. और आपके पास विराट कोहली जैसा बेहतरीन बल्लेबाज है आप उसको उसकी खराब फॉर्म से वापस लाइए.
बेटे को ओटोग्राफ वाला भावुक किस्सा एक प्रशंसक ने राहुल द्रविड को एक ओपन नोट लिखा. काफी बडे उस नोट में उन्होंने राहुल द्रविड के अंतराष्ट्रीय क्रिकेटर होने के बाद समय निकालकर अपने बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने की आपकी दैनिक परिक्रिया के बारे में लिखा. वह इस बात को देखकर स्तब्ध था. उसी नोट में उन्होंने अपना बच्चे का परीक्षा के समय कागज के एक छोटे कोने पर आपके ऑटोग्राफ का भावुक जिक्र किया.
जब फैंस को दुख हुआ उसके बच्चे आपको खेलते नहीं देखेंगे एक ऐसे ही भावुक करने वाले नोट एक फैंस ने राहुल द्रविड़ को लिखा उन्होंने लिखा 'मुझे ख़ुशी है कि मैं आपके युग का साक्षी रहा हूं और मुझे गहरा दुःख है कि मेरे बच्चे ऐसा नहीं करेंगे. वे आपको किताबों, चित्रों और वीडियो के माध्यम से एक दूर के व्यक्ति के रूप में जानेंगे, लेकिन वे कभी भी आपका प्रत्यक्ष अनुभव नहीं करेंगे जैसा कि मेरी पीढ़ी ने किया. अब मुझे पता है कि मेरे माता-पिता को क्या महसूस हुआ होगा जब उन्होंने अपने समय के हम क्रिकेटरों को समझाने की व्यर्थ कोशिश की होगी. यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है - सब कुछ खत्म हो जाता है. नए नायकों का जन्म होता है. अपने तरीके से ताकतवर, काफी अलग तरीके से विकसित हुए.
3 जनवरी 2018, फैंस का भावुक पत्र मैं आपसे बस इतना ही कहना चाहता हूं इतने वर्षों तक समर्पण, जुनून, प्रतिबद्धता, इरादे, सत्यनिष्ठा और सबसे महत्वपूर्ण - ईमानदारी के साथ देश की सेवा करने के लिए धन्यवाद! मैंने तुम्हें कभी क्रोधित, हताश, किसी पर चिल्लाते या दुर्व्यवहार करते नहीं देखा. चाहे स्थिति कोई भी हो, मैच का कोई भी चरण हो, आपने हमेशा अपना संयम बनाए रखा है. ऐसा कहा जाता है कि किसी भी कीमती चीज का महत्व उसके खोने के बाद सबसे ज्यादा महसूस होता है. आपने इसे भी हरा दिया. हां कोई भी टीम में आपकी जगह कभी नहीं भर सकता, जो रक्षा की एक चट्टानी ठोस दीवार थी, जो कई वार झेलने के बावजूद ढहने से इनकार कर रही थी. लेकिन आपने रहाणे और पुजारा जैसे खिलाड़ियों को भी सुनिश्चित किया और तैयार किया जो अब अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं के साथ ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं.
जब राहुल द्रविड को आया था गुस्सा राहुल का एक किस्सा पाकिस्तान के दौरे का है जब उनको गुस्सा आया. जब पाकिस्तान दौरे पर राहुल द्रविड का जबरदस्त बल्ला चला था. उन्होंने तीन टेस्ट मैचों की चार पारियों में 309 रन बनाए थे उनसे रिपोर्टर ने मैच फिक्सिंग को लेकर सवाल पूछ लिया था तब राहुल गुस्से से लाल हो गए थे. भला ऐसा शांत और बेदाग छवि वाले क्रिकेटर को फिक्सिंग की बात कैसे पसंद आ जाती. उन्होंने उस रिपोर्टर को बाहरन निकालने की बात की थी. उन्होंने कहा था इसको बाहर निकालो यह बकवास है इस तरह की बात खेल के लिए खतरनाक है.