मैनचेस्टर:भारतीय आलराउंडर हार्दिक पांड्या का मानना है कि एक गेंदबाज के रूप में अंतत: उन्होंने लय हासिल कर ली है. भविष्य में जब भी जरूरत होगी तो वह अपनी पूरी गति के साथ गेंदबाजी करेंगे. फिटनेस समस्याओं के कारण नियमित रूप से गेंदबाजी नहीं कर पाने से हार्दिक ने भारतीय टीम में अपनी जगह गंवा दी थी. लेकिन इंडियन प्रीमियर लीग के 2022 सत्र में उन्होंने जोरदार वापसी की. वह इग्लैंड के खिलाफ हाल में सीमित ओवरों की सीरीज के दौरान भी गेंद और बल्ले दोनों से उम्दा प्रदर्शन करने में सफल रहे.
बल्ले से हार्दिक की क्षमता पर कभी संदेह नहीं था, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया. हार्दिक ने टी-20 और एकदिवसीय सीरीज के दौरान क्रमश: 33 रन देकर चार विकेट और 24 रन देकर चार विकेट का करियर का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. रविवार को अंतिम एकदिवसीय में उन्होंने गेंदबाजी में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और फिर ऋषभ पंत के साथ शतकीय साझेदारी करके भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई.
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तीसरे एकदिवसीय के बाद मीडिया से बात करते हुए पंड्या ने कहा कि नियमित रूप से गेंदबाजी कर पाने से उन्हें काफी संतोष मिलता है. हार्दिक ने कहा, सबसे पहले अपनी गेंदबाजी की बात करता हूं. प्रत्येक सीरीज के बाद मैं चार या पांच दिन ट्रेनिंग करता हूं क्योंकि इससे मेरी फिटनेस बेहतर होती है और मैं तरोताजा रहता हूं. मैं शत प्रतिशत क्षमता के साथ खेलना पसंद करता हूं क्योंकि इससे मुझे वह सभी चीजें करने का मौका मिलता है जो मैंने आज की.
हार्दिक आयरलैंड के खिलाफ पिछली सीरीज में लय हासिल नहीं कर पाए थे लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा, आईपीएल के बाद मैंने साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में वापसी की. मैंने एक ओवर गेंदबाजी की और फिर दो मैच में गेंदबाजी नहीं की. एक गेंदबाज के रूप में मेरे लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि मैं गेंदबाजी करता रहूं. हार्दिक ने कहा कि पहले टी-20 में चार विकेट चटकाने से उन्हें जरूरी आत्मविश्वास मिला.
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उन्होंने कहा, मेरे लिए निरंतरता हासिल करना बेहद महत्वपूर्ण है और मैं इस पर काम करता हूं. मैं आम तौर पर मैच से पहले अभ्यास नहीं करता लेकिन मैंने पूरे प्रयास के साथ कुछ घंटों तक गेंदबाजी की. इस आलराउंडर ने कहा, यहीं से मुझे लय मिली और फिर चार विकेट चटकाने (इंग्लैंड के खिलाफ टी20 में) से सब कुछ बदल गया. इससे मुझे निरंतरता और आत्मविश्वास मिला. हार्दिक को नहीं लगता कि हर समय पूरी क्षमता के साथ गेंदबाजी करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि मैं चतुराई के साथ गेंदबाजी करता हूं. मैं जरूरत पड़ने पर ही अपनी पूरी गति के साथ गेंदबाजी करूंगा. अगर आप मेरे पिछले कुछ मैच देखो तो मैं 130 किमी प्रति घंटा के आसपास की रफ्तार के साथ गेंदबाजी कर रहा था. ऐसा नहीं है कि मैं तेज गेंदबाजी नहीं कर सकता. हार्दिक ने कहा, ‘‘यह स्थिति पर अधिक निर्भर करता है. मैंने महसूस किया कि पूरा जोर लगाने से बेहतर चतुराई से गेंदबाजी करना रहेगा. आज मैदान बड़ा था, मैं चाहता था कि वे बड़े शॉट खेलें और स्क्वायर लेग तथा फाइन लेग के क्षेत्ररक्षण के ऊपर से शॉट खेलने का जोखिम लें.