दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

Kuki Meitei Youths Spreading love-Peace: खेल की सीमा से पार है जातिवाद, कुकी-मैतेई युवा फुटबॉल के जरिए फैला रहे प्यार - कुकी मैतेई युवा फुलबॉलर

मणिपुर हिंसा के बीच कुकी और मैतेई सुमदाय के युवा खिलाड़ी खेल के मैदान से प्रेम और भाईचारे का संदेश पूरे प्रदेश को दे रहे हैं. इन दोनों समुदाय के युवा खिलाड़ी फुटबॉल के मैदान पर एक साथ खेल रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि उनके प्रदेश में भी सब जल्द ही ठीक हो जाएगा. ऐसे ही एक कुकी खिलाड़ी डैनियल ग्रांट ने ईटीवो के साथ बातचीत की है.

Kuki Meitei Youths football player
कुकी मैतेई युवा फुटबॉल खिलाड़ी

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 7, 2023, 7:59 PM IST

नई दिल्ली : खेल एक ऐसा माध्यम होता है जिसके जरिए मैदान पर प्रेम और शांति के साथ-साथ आपसी भाईचारा भी निभाया जाता है. खेल में हार के बाद भी आप खेल भावना का परिचय देते हुए अपने विरोधी को गले लगाकर उसे जीत की बधाई देते हैं. ऐसा करने से आपके बीच पैदा हुई आपसी खटास मिट जाती है और एक बार फिर से प्रेम और शांति कायम हो जाती है. ऐसा ही नजारा अब मणिपुर के युवाओं में देखने के लिए मिल रह है.

दरअसल पिछले कुछ समय से मणिपुर हिंसा ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच रखा है. ये हिंसा लगभग 5 महीने बीत जाने के बाद भी जारी है. मणिपुर की दो जातियां मैतेई और कुकी आपस में एक-दूसरे की जान के प्यासे बन गए हैं. इस हिंसा ने कई घरों को आगे के हवाले कर दिया और कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था. अब मणिपुर के युवा इस हिंसा को खेल के जरिए प्रेम और शांति में बदलने की राह पर चल पड़े हैं. मैतेई और कुकी जाति के युवा फुलबॉल के माध्यम से आपसी भाईचारें को दोबारा जिंदा कर रहे हैं.

बता दें कि पड़ोसी राज्य असम ने फुटबॉल के जरिए कुकी और मैतेई समुदाय के भाईचारे को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है. जोरहाट स्टेडियम में खेले जा रहे ए डिवीजन फुटबॉल टूर्नामेंट में मणिपुर के कुकी और मैतेई समुदाय के 15 युवा खेल रहे हैं. जो खेल के जरिए शांति का संदेश मैदान से दे रहे हैं.

खेल की सीमा से पार है जातिवाद
मणिपुर के ये सभी खिलाड़ी असम के अनेकों क्लबों से फुटबॉल खेल रहे हैं. इन खिलाड़ियों में से 7 मणिपुर के खिलाड़ी जोरहाट ए डिवीजन फुटबॉल लीग के स्थानीय क्लब रमाकांत स्पोर्टिंग क्लब की ओर से मैदान पर खेलते हुए नजर आ रहे हैं. इन खिलाड़ियों में 1 कुकी और 6 मैतेई समुदाय के खिलाड़ी शामिल हैं. ये सभी एक कैंप में साथ रह रहते हुए एक साथ खाना खाते हैं और शांति व भाईचारे का संदेश फुटबॉल खेलते हुए टीम की ओर से फैला रहे हैं.

इन खिलाड़ियों में युवा फुटबॉलर डैनियल ग्रांट भी शामिल हैं. ये कुकी समुदाय से हैं. डैनियल जब मैदान पर फुटबॉल खेलने उतरे तब उनका परिवार राहत बचाव कैंप में रह रहा था. लेकिन उन्हें अपने जीवन-यापन के लिए अपने दुखद अनुभवों को पीछे छोड़ बाहर निकलना पड़ा था. इसके बाद वो अब अपनी मां और दादी को गुवाहाटी ले आए हैं, जहां वो सभी अब एक किराए के मकान में रहे रहे हैं.

अभी भी डैनियल और उनके साथी खिलाड़ियों को उम्मीद है कि मणिपुर में हुई ये सांप्रदायिक झड़प जल्द ही पूरी तरह खत्म हो जाएगी. वो उम्मीद करते हैं जैसे वो सभी पहले शांति और प्रेम के साथ रहते थे वैसे ही आगे भी रहें. डैनियल काफी पॉजिटीव हैं कि कुकी और मैतई एक बार फिर अपने घरों में शांति से रहेंगे और मणिपुर के लोग खुशी से जिंदगी बिताएंगे.

ये खबर भी पढ़ें :Asian Games 2023 Football : सऊदी अरब से 0-2 से हारकर भारतीय फुटबॉल टीम एशियाई खेलों से बाहर

ABOUT THE AUTHOR

...view details