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Cricket World Cup में ये 8 खिलाड़ी बन चुके हैं प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट, दो कप्तान, दो गेंदबाज, तीन ऑलराउंडर शामिल, इस बार कौन ?

क्रिकेट विश्व कप का हिस्सा बनने वाले सभी टीम के खिलाड़ी वैसे तो अपनी टीम को विश्व चैंपियन बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक देते हैं. लेकिन, हर एक विश्व कप में कोई एक खिलाड़ी ऐसा होता है, जो अपने असाधारण प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी ओर खिंचकर आईसीसी प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम करता है. आज अपनी इस स्टोरी में हम आपको विश्व कप इतिहास में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीतने वाले खिलाड़ियों के बारे में बताने वाले हैं.

Cricketers who became Player of the tournament in the history of ICC Cricket World Cup
ICC विश्व कप के इतिहास में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनने वाले क्रिकेटर

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 5, 2023, 6:38 PM IST

हैदराबाद: क्रिकेट विश्व कप का बुखार पूरी दुनिया के सिर चढ़कर बोलने लगा है. क्रिकेट फैन्स से लेकर क्रिकेट एक्सपर्ट तक की जुबान पर सवाल है कि इस बार वर्ल्ड चैंपियन कौन बनेगा ? इस सवाल के जवाब में हर कोई अपनी फेवरेट टीम पर दांव लगा रहा है. दूसरी तरफ ये वर्ल्ड कप में कई दिग्गज खिलाड़ी आखिरी बार नजर आएंगे तो कुछ नए सितारों के लिए क्रिकेट के आसमान पर चमकने का मौका है. हर क्रिकेट फैन्स अपने फेवरेट खिलाड़ी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा है. वर्ल्ड कप टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन की बात करें तो साल 1992 के विश्व कप से टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ प्लेयर चुने जाने की प्रथा शुरू हुई. 1992 से 2019 तक 8 खिलाड़ियों को विश्व कप में सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है.

  • 1992 वर्ल्ड कप- मार्टिन क्रो
    1992 का विश्व कप की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने की थी. फाइनल में पाकिस्तान की टीम ने इंग्लैंड को हराकर पहली बार विश्व कप जीता था. लेकिन इस टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड के कप्तान मार्टिन क्रो ने अपनी शानदार बैटिंग से सबको अपना कायल कर दिया था. मार्टिन क्रो ने 9 मैच में 456 रन बनाए, जिनमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेंचुरी और टूर्नामेंट में 4 हाफ सेंचुरी भी शामिल थीं. मार्टिन क्रो अब तक वर्ल्ड कप इतिहास में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए इकलौते कप्तान हैं. इस टूर्नामेंट में मार्टिन क्रो तीन बार मैन ऑफ द मैच भी चुने गए.
  • 1996 वर्ल्ड कप- सनथ जयसूर्या
    1996 विश्व कप लगातार दूसरी बार एशियाई टीम ने जीता और इस बार श्रीलंका विश्व विजेता बनी. दरअसल इस विश्व कप में श्रीलंका के ओपनर बल्लेबाजों सनथ जयसूर्या और रमेश कालूवितरना ने क्रिकेट की दुनिया को पावर प्ले में तेज बैटिंग करना सिखा दिया. श्रीलंका को चैंपियन बनाने में इन दोनों का अहम योगदान रहा, खासकर सनथ जयसूर्या, जिन्होंने 6 मैचों में 221 रन बनाने के साथ-साथ 7 विकेट लिए और 5 कैच भी लपके. जिसके लिए उन्हें उस विश्वकप का प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया. इस टूर्नामेंट में सनथ को दो बार मैन ऑफ द मैच भी चुना गया.
  • 1999 वर्ल्ड कप - लांस क्लूज़नर
    वैसे तो दक्षिण अफ्रीका की टीम कभी भी विश्व कप नहीं जीत पाई लेकिन साल 1999 में इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप में ये टीम सबसे बड़ी दावेदार बनकर उभरी और सेमीफाइनल तक पहुंची. टीम को इस बुलंदी तक पहुंचाने में जिस एक खिलाड़ी का हाथ था उसे दुनिया लांस क्लूज़नर के नाम से जानती है. उस विश्व कप में क्लूज़नर ने गेंद और बल्ले दोनों से ऐसा कहर बरपाया कि 9 मैच की 8 पारियों में 281 रन बनाने के साथ-साथ उन्होंने 17 विकेट भी झटके. टूर्नामेंट में दो अर्धशतक और 122.17 की स्ट्राइक रेट से खेलते हुए इस खिलाड़ी ने अपनी टीम को वर्ल्डकप फाइनल में पहुंचा दिया होता अगर एलन डोनाल्ड सेमीफाइल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रन आउट नहीं होते. कई क्रिकेट एक्सपर्ट के मुताबिक उस साल इस खिलाड़ी ने अपनी टीम को वर्ल्ड कप लगभग जिता ही दिया था. लेकिन 4 मैन ऑफ द मैच के बाद लांस क्लूजनर को सिर्फ प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट की ट्रॉफी से ही संतोष करना पड़ा. लांस क्लूजनर के प्रदर्शन को अब तक के विश्व कप इतिहास में बेस्ट परफॉर्मेंस कहा जाता है.
  • 2003 वर्ल्ड कप- सचिन तेंदुलकर
    1983 और 2011 विश्व कप जीत के अलावा टीम इंडिया का वर्ल्ड कप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2003 में रहा. जब टीम इंडिया ने फाइनल तक का सफर तय किया और इसमें मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर की सबसे अहम भूमिका रही. इस टूर्नामेंट में 11 मैच के दौरान तेंदुलकर के बल्ले से एक शतक और 6 अर्धशतक के साथ कुल 673 रन निकले. 61.18 की औसत से सचिन तेंदुलकर ने टूर्नामेंट में रन बनाए और 3 बार मैन ऑफ द मैच चुने गए. इस दौरान उन्हें 2 विकेट और 4 कैच भी लपके थे. जिसके बाद उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट के साथ-साथ गोल्डन बेट अवॉर्ड से भी नवाजा गया. अब तक खेले गए किसी भी एक विश्व कप टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर के नाम है.
  • 2007 वर्ल्डकप- ग्लेन मैकग्रा
    पहली बार विश्व कप की मेजबानी वेस्टइंडीज को मिली तो प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट पहली बार एक गेंदबाज को चुना गया. ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा ने कुल 11 मैच में 26 विकेट झटके और अपनी टीम को लगातार तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई. पूरे टूर्नामेंट में 13.73 की बॉलिंग एवरेज और 4.41 की इकॉनमी रेट उनके प्रदर्शन की गवाही खुद देती है. उन्होंने टूर्नामेंट के हर मैच में कम से कम एक विकेट जरूर लिया था.
  • 2011 वर्ल्ड कप- युवराज सिंह
    एक बार फिर वर्ल्ड कप की मेजबानी भारत को मिली और इस बार मेजबान ही विश्व चैंपियन बना. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में नुवान कुलसेकरा की गेंद पर महेंद्र सिंह धोनी का लगाया छक्का हर भारतीय फैन्स के दिलो दिमाग में रच बस गया है. लेकिन इस विश्व कप में भारतीय टीम के वर्ल्ड चैंपियन बनने की सबसे बड़ी वजह थे युवराज सिंह, जिनके ऑलराउंड परफॉर्मेंस की बदौलत उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया. यहां इस बात का जिक्र करना भी बहुत जरूरी है कि युवराज सिंह विश्व कप के दौरान कैंसर से जूझ रहे थे लेकिन उन्होंने हर दर्द को अपने खेल से बौना साबित कर दिया था. युवराज ने 9 मैचों की 8 इनिंग्स में एक सेंचुरी और 4 हाफ सेंचुरी की बदौलत 362 रन बनाए और 15 विकेट भी चटकाए. वर्ल्ड कप 2011 के दौरान वो 4 बार मैन ऑफ द मैच भी चुने गए थे. युवराज सिंह टीम इंडिया की वर्ल्ड कप जीत के सबसे बड़े हीरो थे.
  • वर्ल्ड कप 2015- मिचेल स्टार्क
    साल 2015 में विश्व कप की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने की थी. इस बार ऑस्ट्रेलिया ने 5वीं बार विश्व कप की ट्रॉफी पर कब्जा किया. जिसमें तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क की सबसे अहम भूमिका रही. स्टार्क ने 8 मैचों में 10.18 की बॉलिंग एवरेज और 3.5 की इकॉनमी रेट से 22 विकेट झटके. इसमें न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 28 रन देकर 6 विकेट भी शामिल है. खास बात ये है कि स्टार्क ने टूर्नामेंट के हर मैच में कम से कम दो विकेट जरूर लिए. इस परफॉर्मेंस के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था. विश्व कप इतिहास में ये दूसरा मौका था जब किसी गेंदबाज को ये ट्रॉफी मिली. खास बात ये है कि इससे पहले 2007 में ऑस्ट्रेलिया के ही तेज गेंदबाज ग्लेन मैकग्रा प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुने गए थे.
  • वर्ल्ड कप 2019- केन विलियम्सन
    साल 2019 में करीब 20 साल बाद विश्व कप की मेजबानी फिर से इंग्लैंड को मिली और ये लगातार तीसरा मौका था जब मेजबान ने वर्ल्ड कप अपने नाम किया था. 2019 में इंग्लैंड की टीम पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनी थी. लेकिन इस विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन चुने गए थे. विलियम्सन ने 10 मैचों की 9 इनिंग्स में दो सेंचुरी और दो हाफ सेंचुरी की बदौलत 578 रन बनाए और अपनी टीम को फाइनल तक पहुंचाया था. लेकिन फाइनल में इंग्लैंड की किस्मत ने न्यूज़ीलैंड की किस्मत को हरा दिया और इंग्लैंड ज्यादा चौके लगाने की वजह से वर्ल्ड कप फाइनल जीत गई. केन विलियम्सन प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनने वाले वर्ल्ड कप इतिहास के दूसरे कप्तान हैं. इससे पहले न्यूज़ीलैंड के ही कप्तान रहे मार्टिन क्रो को साल 1992 के विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया था.

इस बार कौन जीतेगा ये ट्रॉफी- इस बार 10 टीमों के बीच वर्ल्ड कप की जंग होगी और कई खिलाड़ियों से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद है. इसमें रोहित शर्मा, विराट कोहली, डेविड वार्नर, स्टीव स्मिथ, केन विलियमसन, जो रूट, शाकिब अल हसन, ट्रेंट बोल्ट, ग्लेन मैक्सवेल, डेविड मिलर, क्लासेन, मार्टिन गप्टिल, रविंद्र जडेजा, फाफ डुप्लेसिस जैसे खिलाड़ी भी हैं. जिनका ये आखिरी विश्व कप होगा.

वहीं शुभमन गिल, बाबर आजम, इशान किशान, सूर्य कुमार यादव, इमाम उल हक, नूर अहमद, कैमरून ग्रीन, हैरी ब्रूक, तंजीम हसन शाकिब, मोहम्मद वसीम जूनियर, शाहीन शाह अफरीदी, दुनिथ वेल्लालागे, मोहम्मद सिराज, कुलदीप यादव, नजमुल हुसैन शांतो, रचिन रविंद्रा, मथीशा पथीराना जैसे युवा और उभरते खिलाड़ी हर टीम में मौजूद हैं. इस बार देखना दिलचस्प होगा कि प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब किसी सीनियर खिलाड़ी को मिलता है या कोई उभरता हुआ युवा खिलाड़ी बाजी मारता है. कोई गेंदबाज चुना जाएगा बेस्ट प्लेयर या फिर बल्लेबाज लगाएगा रनों की झड़ी, फिर कोई ऑलराउंडर उभरेगा या फिर कोई कप्तान बाजी मारेगा. इसका जवाब नए वर्ल्ड चैंपियन के साथ ही 19 नवंबर को मिल जाएगा.

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