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KL Rahul : चोटों से जूझ रहे केएल राहुल का छलका दर्द, बोले- 'सबसे महत्वपूर्ण है फिटनेस'

भारत के दाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल जांघ की चोट से जूझ रहे हैं. सर्जरी के बाद अपनी वापसी को लेकर बात करते हुए राहुल ने कहा कि खेल में सबसे महत्वपूर्ण फिटनेस है. उन्होंने कहा कि मुझे अपनी लय हासिल करने के लिए केवल कुछ सप्ताह चाहिए.

KL Rahul
केएल राहुल

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 10, 2023, 7:42 PM IST

कोलंबो :जांघ की चोट के कारण करीब 4-5 महीने खेल से दूर रहने के दौरान भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानसिक अड़चनों से निपटना थी. उन्होंने कहा कि उनका पूरा फोकस अपने शरीर का सम्मान करना और उसे ठीक होने के लिए पर्याप्त समय देना था.

आईपीएल 2023 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ मैच के दौरान दूसरे ओवर में एक चौका रोकने के लिए गेंद का पीछा करते समय केएल राहुल चोटिल हो गए थे और बीच मैच में ही उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा.

इसके बाद 5 मई को यह पता चला कि राहुल की दाहिनी जांघ के क्वाड्रिसेप्स में टेंडन में काफी चोट आई है और इसके लिए उनकी सर्जरी की गई. इसके बाद से केएल राहुल खेल से दूर थे और काफी समय रिहैब में बिताने के बाद उन्होंने एशिया कप-2023 सुपर-4 मैच में पाकिस्तान के खिलाफ वापसी की.

मैच से पहले राहुल ने कहा, 'जब आपकी सर्जरी होती है, तो आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप इस बात का सम्मान करें कि आपने अपने शरीर को किसी बहुत बड़ी चीज से गुजारा है. इसलिए, आपको इसका सम्मान करना होगा और अपने शरीर को ठीक होने के लिए पर्याप्त समय देना होगा. उन्होंने कहा कि मुझे अपनी लय हासिल करने के लिए केवल कुछ सप्ताह चाहिए'.

राहुल ने बीसीसीआई.टीवी पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा 'मैंने खुद को वास्तव में मैदान में वापस करने के लिए केवल दो या तीन सप्ताह का समय दिया. बड़ी बात यह थी कि मैं अपने शरीर में आत्मविश्वास महसूस करूं और दर्द-मुक्त रहूं. मुझे पता था कि वापस आकर मुझे विकेटकीपिंग भी करनी होगी. यह फिजियो और मेरे लिए बड़ी चिंताओं में से एक था'.

राहुल ने कहा कि बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैब के दौरान उनके दिमाग में सबसे बड़ी चुनौती विकेटकीपिंग थी. उन्होंने कहा, मेरे दिमाग में एक बड़ा सवालिया निशान यह था कि क्वाड्रिसेप चोट के कारण वापसी के लिए सबसे बड़ी चुनौती विकेटकीपिंग होगी.

जब आप हर गेंद पर बैठकर विकेटकीपिंग कर रहे होते हैं, तो आपको अपने क्वाड्स में बहुत अधिक ताकत की आवश्यकता होती है. इसलिए आपको अपने शरीर का समर्थन करने और दर्द-मुक्त रहने की आवश्यकता होती है.

कई बार आप मैदान पर डटे रहने के लिए एक बड़ी मानसिक लड़ाई लड़ते हैं जहां आप सोचते हैं कि, ठीक है, मैं दर्द बर्दाश्त कर सकता हूं. जब आप उस मानसिकता में होते हैं, तो आप अपने खेल पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते हैं.

राहुल ने उन फिजियो के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने कठिन दौर में उनका मार्गदर्शन किया. मैं एनसीए में कुछ बहुत अच्छे फिजियो और ट्रेनर के मार्गदर्शन में था. राहुल ने अंत में कहा कि वह 100 ओवर के मैच की कठिनाइयों के लिए तैयार हैं और अपनी क्षमताओं को लेकर 'आश्वस्त' महसूस कर रहे हैं.

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(इनपुट: आईएएनएस)

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