हैदराबाद:आईपीएल 2021 का सेकेंड हाफ अब तक कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के लिए अच्छा रहा है. KKR अपने दोनों मुकाबले जीतने में सफल रहा. टीम की इस जीत में युवा खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर का योगदान अहम रहा.
बता दें, वेंकटेश ने आईपीएल में अब तक सिर्फ दो मैच ही खेले हैं. लेकिन अपनी छाप छोड़ने में सफल रहे. वेंकटेश ने रॉयल चैलेंजर्स और मुंबई इंडियंस दोनों के खिलाफ ओपनिंग की और दोनों ही मौकों पर टीम को तेज शुरुआत दिलाई.
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घरेलू क्रिकेट में मध्य प्रदेश की तरफ से खेलने वाले अय्यर पहले 6 नंबर पर बल्लेबाजी करते थे. लेकिन रातों-रात वो ओपनर बने और अब गेंदबाजों पर कहर बनकर टूट रहे हैं. उनके ओपनर बनने की कहानी भी दिलचस्प है.
अय्यर को एक अच्छा बल्लेबाज बनाने में मध्य प्रदेश के कोच चंद्रकांत पंडित का रोल सबसे अहम रहा है. पंडित को आज भी वह दिन याद हैं, जब उन्होंने तय किया था कि दुबले-पतले वेंकटेश मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट में मध्य प्रदेश के लिए पारी की शुरुआत करेंगे. अय्यर नंबर-6 पर बल्लेबाजी करते थे. कोच के इस फैसले से अय्यर भी डरे हुए थे. क्योंकि उन्होंने कभी नई गेंद का सामना नहीं किया था. लेकिन पंडित को उनकी काबिलियत पर पूरा भरोसा था.
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केकेआर की ओर से वेंकटेश और राहुल त्रिपाठी ने मिलकर मुंबई इंडियंस के मजबूत बॉलिंग अटैक की धज्जियां उड़ा दी. आईपीएल की वेबसाइट पर मैच के बाद का इन दोनों के बीच बातचीत का वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें वेंकटेश ने कहा, 'सच कहूं तो केकेआर पहली फ्रेंचाइजी टीम थी, जिसके लिए मैं खेलना चाहता था, वह भी सौरव गांगुली की वजह से.
वह शुरुआत में इस टीम के कप्तान थे, तो जब मुझे केकेआर टीम में चुना गया, तो यह मेरे लिए सपना सच होने जैसा था. मुझे केकेआर ज्वॉइन करने पर काफी अच्छा स्वागत मिला था.
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उन्होंने आगे कहा, मैं दादा का बहुत बड़ा फैन हूं, उनके लाखों फैन्स हैं. पूरी दुनिया में और मैं उनमें से एक हूं. मेरे प्रोफेशनल क्रिकेटर बनने के पीछे उनका बड़ा हाथ रहा है. मैं जब छोटा था, तब दाएं हाथ से बल्लेबाजी किया करता था, लेकिन मैं बिल्कुल दादा की तरह खेलना चाहता था, जैसे वह छक्का लगाते थे, जिस तरह से वह बैटिंग और बॉलिंग करते थे. उनका मेरी लाइफ पर बड़ा प्रभाव रहा है और मैं इसके लिए थैंकफुल हूं.
छोड़नी पड़ी पढ़ाई
अय्यर ने बीकॉम के साथ सीए में प्रवेश ले लिया. साल 2016 में उन्होंने सीए का इंटरमीडिएट पास कर लिया था. लेकिन तब तक अय्यर मध्य प्रदेश की सीनियर टीम के लिए टी-20 और 50 ओवर में अपना डेब्यू कर चुके थे. ऐसे में उन्होंने सीए की पढ़ाई छोड़कर एमबीए में दाखिला ले लिया.