हैदराबाद: एशिया कप का फाइनल कोलंबो में टीम इंडिया और श्रीलंका के बीच खेला गया. मोहम्मद सिराज के जादुई स्पेल के सामने श्रीलंका के बल्लेबाजों ने ऐसे घुटने टेके कि महज 50 रन पर पूरी टीम ढेर हो गई. सिर्फ 12 रन पर टीम के 6 बल्लेबाज पवैलियन लौट चुके थे. क्रिकेट इतिहास में इस स्कोर के बाद कोई टीम वापसी कर पाई हो, ऐसे मौके उंगलियों पर गिने जा सकते है और ऐसी हालत के बाद टीम के मैच जीतने के किस्से उससे भी कम हैं. अब तक वनडे के 12 विश्व कप खेले जा चुके हैं और वर्ल्ड कप में ऐसा सिर्फ एक ही बार हुआ है लेकिन उस मैच का कोई वीडियो इंटरनेट पर नहीं मिलेगा. इसकी वजह भी बताएंगे लेकिन पहले कहानी वर्ल्ड कप इतिहास की उस बेस्ट इनिंग की.
40 साल पहले आया था ऐसा मौका
20 मार्च 1983, क्रिकेट की दुनिया तीसरे विश्व कप के बीच थी, ये वही वर्ल्ड कप था जिसने दुनिया को भारत के रूप में नया वर्ल्ड चैंपियन दिया. वो टीम जिसने वेस्टइंडीज के दबदबे को ना सिर्फ चैलेंज किया बल्कि उसके वर्ल्ड कप जीतने की हैट्रिक बनाने के ख्वाब को भी चकनाचूर कर दिया लेकिन टीम इंडिया शायद फाइनल में भी नहीं पहुंच पाती अगर 18 जून 1983 को टनब्रिज वेल्स के ग्राउंड पर क्रिकेट इतिहास की सबसे बेहतरीन पारियों में से एक ना खेली गई होती. दरअसल उस दिन एक ऐसा इतिहास बनना था जिसके किस्से तो क्रिकेट के रहने तक सुनाए जाएंगे लेकिन उसका वीडियो सबूत कोई नहीं देख पाएगा.
वर्ल्ड कप 1983 का वो 20वां मैच भारत और जिंबाब्वे के बीच खेला गया था. कपिल देव ने टॉस जीता और पहले बैटिंग चुनी और टीम के ओपनर सुनील गावस्कर और क्रिस श्रीकांत के रूप में भारत की ओपनिंग जोड़ी मैदान पर पहुंच गई. लेकिन इसके बाद जो हुआ वो इतिहास के पन्नों में दर्ज है.
कप्तान के नहाते-नहाते आधी टीम पवैलियन लौटी
कप्तान कपिल देव बैटिंग लाइन अप में छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते थे. इसलिये टॉस जीतने के बाद कपिल देव नहाने के लिए चले गए थे लेकिन उन्होंने सोचा भी नहीं था कि उनके नहाते-नहाते ही आधी टीम पवैलियन लौट चुकी होगी. पहले ओवर में ही सुनील गावस्कर बिना खाता खोले आउट हो गए और कुछ पल बाद ही श्रीकांत भी बगैर खाता खेले पवैलियन लौट गए. 6 रन के स्कोर पर दोनों ओपनर्स के आउट होने के बाद मोहिंदर अमरनाथ और संदीप पाटिल के कंधों पर जिम्मेदारी थी. दोनों ने अपने-अपने खाते तो खोले लेकिन कुछ ही देर में अमरनाथ 5 और संदीप पाटिल 1 रन बनाकर आउट हो गए. उस दिन जिंबाब्वे के गेंदबाज पीटर रॉसन और केविन करेन की गेंदें मानों आग उगल रही थी. कपिल देव के नहाते-नहाते आधी टीम पवैलियन लौट चुकी थी.
कपिल और रोजर बिन्नी की पार्टनरशिप
17 रन पर 5 विकेट गिरने के बाद कपिल ने रोजर बिन्नी के साथ संभलकर खेलना शुरू किया. छठे विकेट के लिए दोनों 60 रन जोड़ पाए थे कि रोजर बिन्नी महज 22 रन बनाकर एलबीडब्ल्यू आउट हो गए. इस वक्त टीम इंडिया का स्कोर 77 रन पर 6 विकेट पहुंचा था. लेकिन टीम की हालत तब और खराब हो गई जब रवि शास्त्री सिर्फ एक रन बनाकर कपिल का साथ छोड़ गए और टीम का स्कोर 7 विकेट खोकर महज 78 रन था.
फिर शुरू हुई कपिल की मैजिकल इनिंग
इस वक्त ऐसा लग रहा था मानो टीम इंडिया 100 रन भी स्कोर नहीं कर पाएगी. अब क्रीज पर गेंदबाजों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया था. लेकिन दूसरे छोर पर खड़े कपिल के मन में कुछ और ही चल रहा था. कपिल देव ने मदन लाल के साथ मिलकर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया. पहले वनडे मुकाबले 60 ओवर के होते थे और 35 ओवर के बाद लंच होता था. लंच तक कपिल के फिफ्टी भी हो चुकी थी, जिसमें एक भी बाउंड्री नहीं थी.