नई दिल्ली : टी20 विश्व कप 2007 में जोगिंदर शर्मा ने भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले में जोगिंदर शर्मा ने दो विकेट चटकाए थे. लेकिन उस जीत के बाद कभी उन्हें अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका नहीं मिला था. अब उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है. आज (शुक्रवार, 3 फरवरी) को जोगिंदर शर्मा ने ट्वीट कर संन्यास का ऐलान किया. उन्होंने बीसीसीआई सचिव जय शाह को चिट्ठी भी लिखी है.
हरियाणा के रोहतक से रहने वाले जोगिंदर शर्मा (Joginder Sharma) का क्रिकेट करियर छोटा रहा है. उन्होंने भारत के लिए केवल 4 एकदिवसीय और 4 ही टी20 मुकाबले खेले हैं. उन्होंने अपने क्रिकेट करियर के सभी टी20 मैच विश्व कप में ही खेले थे. जोगिंदर ने भारत के लिए वनडे में साल 2004 में डेब्यू किया था. साल 2007 में उन्होंने आखिरी वनडे मैच खेला था. जोगिंदर शर्मा अभी हरियाणा पुलिस (Haryana Police) में डीएसपी के पद पर कार्यरत हैं.
जोगिंदर शर्मा ने 26 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे में डेब्यू किया था. उन्होंने आखिरी वनडे वेस्टइंडीज के खिलाफ 2007 में कटक में खेला था. उन्होंने चार वनडे में केवल एक विकेट लिया है. जोगिंदर शर्मा ने टी20 विश्व कप 2007 में टी20 क्रिकेट में डेब्यू किया था. उन्होंने पहला मैच डरबन में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था. टी20 में भी उन्होंने चार मुकाबले खेले जिसमें चार विकेट झटके थे.
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पहले टी20 विश्व कप फाइनल के अंतिम ओवर में पाकिस्तान को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जोगिंदर शर्मा को आखिरी ओवर फेंकने के लिए कहा. जोगिंदर के सामन मिस्बाह उल हक थे. जोगिंदर ने पहली गेंद वाइड फेंक कर भारतीय दर्शकों की सांसें अटका दीं. वाइड के बदले फेंकी गई अगली गेंद पर मिस्बाह चूक गए और कोई रन नहीं बना सके. जोगिंदर ने दूसरी बॉल फुलटॉस फेंक दी, जिस पर मिस्बाह ने छक्का जड़ दिया था. तीसरी गेंद पर मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेला था और शॉर्ट फाइन लेग पर श्रीसंत को कैच थमा बैठे. इस तरह भारत ने पहला टी20 विश्व कप 5 रनों से जीत लिया था.